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पोर्टब्लेयर। भारतीय दलित साहित्य अकादमी ने युवा कवयित्री, साहित्यकार एवं ब्लॉगर आकांक्षा यादव को डॉ अंबेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान 2011 से सम्मानित किया है। आकांक्षा यादव को यह सम्मान उनके साहित्य सेवा एवं सामाजिक कार्यों में रचनात्मक योगदान के लिए प्रदान किया गया है। उन्हें यह सम्मान भारतीय दलित साहित्य अकादमी ने 11-12 दिसंबर को दिल्ली में आयोजित 27वें राष्ट्रीय दलित साहित्यकार सम्मलेन में केंद्रीय मंत्री फारुख़ अब्दुल्ला ने प्रदान किया।
आकांक्षा यादव की रचनाएं देश-विदेश की शताधिक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं, नारी-विमर्श, बाल-विमर्श एवं सामाजिक सरोकारों संबंधी विमर्श में विशेष रूचि रखने वाली आकांक्षा यादव के लेख, कविताएं और लघुकथाएं तमाम संकलनों और पुस्तकों में हैं, उनकी तमाम रचनाएं आकाशवाणी से भी तरंगित हुई हैं। पत्र-पत्रिकाओं के साथ-साथ अंतर्जाल पर भी आकांक्षा यादव की रचनाएं तमाम वेब पत्रिकाओं और ब्लॉगों पर पढ़ी और देखी जा सकती हैं।
व्यक्तिगत रूप से शब्द-शिखर और युगल रूप में बाल-दुनिया, सप्तरंगी प्रेम और उत्सव के रंग ब्लॉग का संचालन करने वाली आकांक्षा यादव न सिर्फ एक साहित्यकार के रूप में प्रतिष्ठित हैं, बल्कि सक्रिय ब्लॉगर के रूप में उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। कृष्ण कुमार यादव के साथ क्रांति-यज्ञ 1857-1947 की गाथा पुस्तक का संपादन करने वाली आकांक्षा यादव के व्यक्तित्व-कृतित्व पर वरिष्ठ बाल साहित्यकार डॉ राष्ट्रबंधुजी ने बाल साहित्य समीक्षा पत्रिका का एक अंक विशेषांक रुप में प्रकाशित किया है।
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और गाजीपुर जनपद की निवासी आकांक्षा यादव वर्तमान में अपने पति कृष्ण कुमार यादव के साथ अंडमान-निकोबार में रह रही हैं और हिंदी के लिए काम कर रही हैं। उनके पति कृष्ण कुमार यादव भी हिंदी के सशक्त हस्ताक्षर हैं और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के निदेशक डाक सेवाएं हैं। आकांक्षा यादव को विभिन्न प्रतिष्ठित साहित्यिक-सामाजिक संस्थानों के सम्मान प्राप्त हुए हैं।