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आईटीआई संस्‍थानों में ग्रामीण प्रतिभाएं

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नई दिल्ली। श्रम और रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खरगे ने लोकसभा में बताया है कि ग्रामीण संस्‍थानों से परीक्षा में भाग लेने वाले विद्यार्थियों की संख्‍या बढ़ रही है। डीजीई एंड टी की तरफ से भारतीय गुणवत्‍ता परिषद् (क्‍यूसीआई) के जनवरी 2011 में किए गए मूल्‍यांकन अध्‍ययन के अनुसार, फरवरी में ग्रामीण संस्‍थानों से विद्यार्थियों की अनुमोदित संख्‍या के 70 प्रतिशत ने परीक्षा में भाग लिया जबकि अगस्‍त में यह 95 प्रतिशत था। सरकार ने सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थानों में उद्योग संबंधों एवं अवसंरचना के सुधार के लिए अनेक कदम उठाए हैं। आसपास के उद्योग समूह की आवश्‍यकता के अनुरूप बहुकौशल पाठयक्रम आरंभ करने के उद्देश्य से घरेलू संसाधनों से 100 आईटीआई संस्‍थानों और विश्‍व बैंक सहायता के माध्‍यम से 400 आईटीआई संस्‍थानों के उन्‍नयन का कार्य प्रारंभ किया गया है।
योजना के अंतर्गत चुने गए प्रत्‍येक आईटीआई के लिए उन्‍नयन प्रक्रिया का नेतृत्‍व करने के लिए एक उद्योग भागीदार को सहयोजित किया जाता है। अध्‍यक्ष के रूप में उद्योग भागीदार के साथ एक संस्‍थान प्रबंधन समिति गठित की जाती है, 1396 सरकारी आईटीआई संस्‍थानों का उन्‍नयन नामक योजना के तहत स्‍थानीय स्‍तर पर आईटीआई के मामलों के प्रबंधन के लिए आईएमसी को वित्‍तीय और शैक्षिक स्‍वायत्‍तता प्रदान की गई है। यह अनुदेशकों को प्रशिक्षण और प्रशिक्षुओं को कार्य पर प्रशिक्षण प्रदान कराने के लिए भी प्रबंध करती है। राज्‍य सरकारें आईटीआई संस्‍थानों की स्‍वामी बनी रहती हैं और प्रवेश का विनियमन जारी रखती हैं। उद्योग की अवश्‍यकता के अनुसार, पाठयचर्या परिवर्तन भी किए गए हैं। मूल्‍यांकन अध्‍ययन के अनुसार, ऐसे उन्‍नयित आईटीआई संस्‍थानों में नियोजन 81 से 99 प्रतिशत हो गया है।

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