स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
नई दिल्ली। वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में बताया कि उपलब्ध सूचना के अनुसार भारतीय औषधि उद्योग के निर्यातक, विशेषकर थोक औषधि क्षेत्र में, चीन से अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में जबर्दस्त प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे हैं। चीन से सूत्रीकरण (फार्मूलेशन) के क्षेत्र में भी प्रतिस्पर्धा धीरे-धीरे बढ़ रही है। भारत दक्षिण अमरीकी देशों में भी ब्राजील की कंपनियों से प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा है।
भारत सरकार का 2013-14 तक औषधियों के निर्यात को दुगना करके इसे 25 अरब अमरीकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इसमें चीन को औषधियों का निर्यात भी शामिल है। मौजूदा विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) नीति के अनुसार औषधि क्षेत्र में ग्रीनफील्ड निवेशों के लिए स्वत: 100 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति है, जबकि सरकारी अनुमोदन से औषधि-क्षेत्र में ब्राउनफील्ड (अर्थात् मौजूदा कंपनियों में निवेश) के लिए 100 प्रतिशत तक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश किया जा सकता है।