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नि:शक्‍त लोगों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस

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नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्‍य मंत्री डॉ तुषार चौधरी ने लोक सभा में बताया है कि मोटर वाहनों के चालकों के लाइसेंस संबंधी प्रावधान, मोटर यान अधिनियम 1988 के अध्‍याय-II में उल्लिखित हैं। इस अधिनियम की धारा 8 की उपधारा (4) के परंतुक में यह प्रावधान है कि अशक्‍त कैरिएज चलाने भर के लिए सीमित शिक्षार्थी लाइसेंस, आवेदक को जारी किया जा सकता है, यदि लाइसेंस प्राधिकारी इस बात से संतुष्‍ट हो जाए कि वह ऐसा कैरिएज चलाने के योग्‍य है। ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाने की विस्‍तृत प्रक्रिया, केंद्रीय मोटर यान नियमावली 1989 के अध्‍याय-II में निर्धारित है।

  • मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण

एक अन्य जानकारी में राज्‍य मंत्री ने बताया कि मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 165 में प्रावधान है कि राज्य सरकार, शासकीय राजपत्र में अधिसूचना जारी करके, एक अथवा एक से अधिक मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरणों की स्‍थापना, अधिसूचना में विनिर्दिष्‍ट क्षेत्र के लिए कर सकती है, जो मोटर वाहनों के प्रयोग से व्‍यक्तियों की मौत होने अथवा उन्‍हें शारीरिक चोट पहुंचने अथवा किसी अन्‍य पक्षकार की संपत्ति को क्षति पहुंचने अथवा दोनों से संबंधित दुर्घटनाओं के संबंध में मुआवजे के दावों का न्‍याय-निर्णयन करेंगे। मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरणों का कार्यकरण, संबंधित राज्‍य सरकार, संघ राज्‍य क्षेत्र प्रशासन के अंतर्गत आता है। निपटान के लिए लंबित मामलों से संबंधित ब्‍यौरा, केंद्रीय स्‍तर पर नहीं रखा जाता है और इसीलिए ये आंकड़े, उनके मंत्रालय में उपलब्‍ध नहीं है।

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