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वन क्षेत्र में क्षमता निर्माण परियोजना

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नई दिल्ली। पर्यावरण एवं वन राज्‍य मंत्री जयंती नटराजन ने लोक सभा में बताया कि भारत सरकार ने 'वन क्षेत्र में क्षमता निर्माण' के लिए 368.74 करोड़ रूपए की कुल परियोजना लागत पर एक योजना आरंभ की है। इसके छह घटक, योजना परिव्‍यय से वित्त पोषित किए जाएंगे, और एक बाहृय सहायता प्राप्‍त घटक, जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) से प्रतिपूर्ति पद्धति में उदार ऋण के रूप में वित्त पोषित किया जाएगा।
राज्य मंत्री ने योजना के ब्‍यौरे और प्रमुख विशेषताओं की जानकारी देते हुए बताया कि इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय वन अकादमी में सीधे भर्ती, भारतीय वन सेवा अधिकारियों के लिए व्‍यवसायिक प्रवेश प्रशिक्षण, आईएफएस में पदोन्‍नत अधिकारियों के लिए पुनश्‍चर्या पाठ्यक्रम सेमिनार/कार्यशालाएं और अन्‍य सेवाओं के कार्मिकों के लिए प्रायोजित पाठ्यक्रम आयोजित करने का प्रावधान है। वन शिक्षा निदेशालय (डीएफई) में सीधे भर्ती वन सेवा अधिकारियों और वन रेंज अधिकारियों को उनके सेवा प्रशिक्षणों में व्‍यवसायिक प्रवेश पाठ्यक्रम, विषय आधारित सेमिनार और कार्यशालाओं का प्रावधान है। आईएफएस अधिकारियों के प्रशिक्षण में आईएफएस अधिकारियों के बीच सीधी बातचीत के अवसरों को प्रदान करने के लिए एक सप्‍ताह का पुनश्‍चर्या प्रशिक्षण कार्यक्रम और विषयपरक कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं। आईएफएस अधिकारियों के लिए दीर्घकालीन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी प्रायोजित किया जाता है। अन्‍य सेवाओं के कार्मिकों का प्रशिक्षण घटक में विभिन्‍न विभागों जैसे पुलिस, राजस्‍व, सीमाशुल्‍क आदि के कार्मिकों के लिए लघु-अवधि, प्रशिक्षण, कार्यशालाएं और अध्‍ययन दौरे के माध्‍यम से जागरूकता कार्यक्रमों का प्रावधान है।
अन्‍य स्‍टेक होल्‍डरों का प्रशिक्षण, इस घटक में पंचायत सदस्‍यों, चयनित प्रतिनिधियों, अध्‍यापकों, प्रकृति क्‍लबों/पारिक्‍लबों, सामाजिक कार्यकर्ता, एनजीओ, मीडिया आदि के लिए अध्‍ययन दौरों, कार्यशालाओं और सेमिनारों का प्रावधान है। वानिकी कार्मिकों को विदेशी प्रशिक्षण, इस घटक का उद्देश्‍य विभिन्‍न विदेशी संस्‍थानों में विभिन्‍न लघु अवधि और दीर्घ-अवधि प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए वानिकी कार्मिकों को प्रायोजित कर विशिष्‍टता के लिए प्रोत्‍साहित करना है। वन प्रबंधन और कार्मिकों के प्रशिक्षण के लिए क्षमता विकास, यह एक बाहृय सहायता प्राप्‍त घटक है, जिसका लक्ष्‍य फ्रंटलाइन वानिकी कार्मिकों के प्रशिक्षण को बेहतर बनाना है। इस प्रस्‍ताव के दो मुख्‍य उद्देश्‍य है। राज्‍य वन विभागों के वानिकी प्रशिक्षण स्‍कूलों की अवसंरचना को सुदृढ़ करना है-मौजूदा राज्‍य वन प्रशिक्षण स्‍कूलों को बेहतर बनाना, उन राज्‍यों में जहां नहीं है नए प्रशिक्षण स्‍कूल स्‍थापित करना। फ्रंटलाइन वानिकी कार्मिकों के प्रशिक्षण को निम्‍नलिखित के माध्‍यम से सुदृढ़ करना-पाठ्यचर्या सुधार, मास्‍टर प्रशिक्षक, प्रशिक्षकों के पूल का निर्माण और राज्‍य में फ्रंटलाइन फॉरेस्‍ट फोर्स का प्रशिक्षण।

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