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‘क्वेस्ट फॉर जस्टिस एट इट्स थ्रैसहोल्ड’ पुस्तक

न्याय प्रणाली से जुड़े लोगों के लिए संदर्भ और प्रेरक

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किताब का विमोचन/book released

देहरादून। उत्तराखंड की राज्यपाल मार्गेट आल्वा और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सीरिएक जोसेफ ने न्यायमूर्ति ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा की न्याय व्यवस्था से संबंधित पुस्तक ‘क्वेस्ट फॉर जस्टिस एट इट्स थ्रैसहोल्ड’ का राजभवन प्रेक्षागृह में विमोचन किया। यह पुस्तक निचली अदालतों में त्वरित न्याय दिलाने विषयक है।
पुस्तक विमोचन के पश्चात न्यायमूर्ति सीरिएक जोसेफ ने पुस्तक में उल्लिखित उन तथ्यों की सराहना की, जिनके अंतर्गत वर्तमान समय में निचली अदालतों के समक्ष कठिनाईयों के मध्य ही त्वरित, सुलभ और सस्ता न्याय किस तरह प्रदान किया जाए का वर्णन किया गया है तथा सुलह समझौते को न्यायालय के मूल कार्यों में शामिल करने का उल्लेख किया गया है। उन्होंने लेखक के प्रयास को सराहनीय बताया।
राज्यपाल मार्गेट आल्वा ने कहा कि निचली अदालतें ही जन-मानस के लिए मुख्य अदालतें हैं। गरीब व्यक्ति के लिए यह संभव नहीं है कि वह ऊंची अदालतों में अपना पक्ष रख सके, क्योंकि वहां पर न्याय बहुत मंहगा है। पुस्तक के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए राज्यपाल ने यह भी कहा कि पारदर्शिता, स्पष्टता बनाये रखते हुए सुलभ और सस्ता न्याय प्रदान कराना न्यायालयों का दायित्व है, जिसका कि इस पुस्तक में भी उल्लेख किया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह पुस्तक आम आदमी को न्याय दिलाने के लिए न्याय प्रणाली से जुड़े लोगों के लिए संदर्भ और प्रेरक का काम करेगी। राज्यपाल ने भी लेखक न्यायमूर्ति ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा के प्रयासों की सराहना की।
पुस्तक के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करते हुए लेखक ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि प्रत्येक वादकारी के न्यायालय से कुछ अधिकार हैं, जिन्हें वे बेहिचक न्यायालय से मांग सकता है। उन्होंने वादों के निस्तारण के संदर्भ में वादकारी के अधिकारों का भी उल्लेख किया, जिसका विस्तृत विवरण पुस्तक में दिया गया है। पुस्तक में लेखक ने वादकारी के हित में अनेक सुझाव दिये हैं। मंच का संचालन प्रणव शर्मा ने किया। पुस्तक विमोचन के इस अवसर पर लोकायुक्त एमएम घिल्ड़ियाल, न्यायमूर्ति आईपी वशिष्ट, न्यायमूर्ति एसके जैन, न्यायमूर्ति एसएन श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति जेसीएस रावत सहित न्याय विभाग के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। राज्यपाल के प्रमुख सचिव अशोक, उत्तराखंड शासन की प्रमुख सचिव विनीता कुमार, प्रमुख सचिव न्याय डीपी गैरोला, सचिव एसएस संधू, फोनिया, अरूण ढौड़ियाल, वरिष्ठ अधिकारी, बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड के चेयरमैंन पृथ्वी सिंह चौहान, देहरादून बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता भी उपस्थित थे।

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