स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि व्यक्तिगत स्वच्छता और अपने आस-पास के वातावरण को साफ नहीं रखने से भारत की छवि पर खराब असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसका सबसे ज्यादा असर पर्यटन क्षेत्र पर पड़ सकता है, जहां किसी भी पर्यटक के मन में जो पहली छाप पड़ेगी वही आखिरी होगी। सुबोधकांत सहाय ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय एक ऐसे भारत की कल्पना करता है, जहां सफाई और स्वच्छता को लेकर आने वाले हर व्यक्ति के मन में अच्छी छवि बने। इसके लिए सभी को मिल-जुलकर प्रयास करने की जरूरत है।
सुबोधकांत सहाय, भारत में सफाई अभियान के बारे में पर्यटन मंत्रालय की अखिल भारतीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला ने व्यक्तियों और संस्थानों को एक मंच पर लाने में मदद की है, सभी की इच्छा स्वच्छ भारत देखने की है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला से ऐसे कार्य समूह बनाने में मदद मिलेगी, जो अपना काम कुशलता से कर सकें। कार्यशाला को छात्रों के बीच से ऐसे कार्यकर्ता तैयार करने चाहिएं, जो सफाई के कार्य में सक्रिय भूमिका निभा सकें। उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि वह स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देने में नियमित योगदान दे। उन्होंने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान बाहर से आने वाले और देश के पर्यटकों में 12 प्रतिशत विकास दर के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस अभियान की सफलता महत्वपूर्ण है।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने कहा कि सफाई का काम काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पांच पर्यटन स्थलों पर कराए गए एक स्वतंत्र अध्ययन में सफाई और स्वच्छता की शर्तों, अपशिष्ट कचरा प्रबंधन और अधिक महत्व रखने वाली, लेकिन कम तसल्ली देने वाली सार्वजनिक सुविधाओं की सफाई के प्रावधानों का वर्गीकरण किया गया है। सुबोधकांत सहाय ने उम्मीद जाहिर की कि स्वच्छता अभियान से इन कमजोरियों को दूर किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता यह तय करेगी कि पर्यटन के क्षेत्र में लक्षित विकास को हासिल किया जा सकता है या नहीं। इसका संबंध अंतत: रोजगार से है। इस अभियान को गरीबी उन्मूलन की रणनीति के रूप में लिया गया है।
पर्यटन मंत्री ने एकत्रित समूह को सूचित किया कि उनका मंत्रालय कार्यशाला की सिफारिशों को शामिल करके 31 मार्च 2012 तक प्रचार की रणनीति बनाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में योजना का क्रियान्वयन 1 अप्रैल 2012 से शुरू होगा। इस अभियान के महत्व की जानकारी योजना आयोग को दे दी गई है और उम्मीद है कि पर्यटन मंत्रालय को इस अभियान के लिए जरूरी संस्थागत सहायता और धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का उद्देश्य हमारे पर्यटन स्थलों और उनके आस-पास की जगहों को साफ रखना है। इसका उद्देश्य यह भी सुनिश्चित करना है कि सफाई के स्तर को निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की साझेदारी से बनाए रखा जाए। यह अभियान भारत के पर्यटन स्थलों और उनके आस-पास सेवाओं और वातावरण में सुधार के लिए सरकार की 12वीं पंचवर्षीय योजना की रणनीति का हिस्सा होगा।
पर्यटन मंत्रालय का मिशन ऐसे प्रयास करना होगा, जिससे लोगों को इस बात के प्रति लगातार संवेदनशील बनाया जाए कि उनकी भलाई इसी में है कि वह अपने आस-पास अपने पड़ोस, मोहल्ले, शहर और देश के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखें। इच्छा शक्ति से ही यह कार्य संभव है। सफाई हालांकि सबके लिए जरूरी है, पर्यटन मंत्रालय मानता है कि पर्यटन के विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए स्वच्छ भारत एक पूर्व शर्त है। अब समय आ गया है जब ‘अतिथि देवो भव:’ की भावना को साकार किया जाए। स्वच्छ भारत एक भारी भरकम कार्य है, संसाधनों पर चाहे हम कितना ही निवेश क्यों न कर लें, इस लक्ष्य को हम तब तक हासिल नहीं कर सकते, जब तक हम गंदगी से नफरत करना नहीं सीख लेते। हमारी सोच व्यापक और समग्र होनी चाहिए। इसमें समाज के प्रत्येक वर्ग, प्रत्येक आयु, संस्थानों-स्कूलों, कॉलेजों, गैर सरकारी संगठनों, पेशेवर संस्थानों और सरकारों को शामिल किया जाना चाहिए। इस प्रयास का समग्र उद्देश्य सफाई को लेकर लापरवाही पूर्ण रवैये को दूर करना है।
पर्यटन मंत्रालय इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए पर्यटन सचिव के अधीन एक संचालक समूह गठित करेगा। इस समूह में सुलभ इंटरनेशनल जैसी गैर सरकारी क्षेत्र की बेहतर एजेंसियां होंगी। कार्यशाला का आयोजन इस अभियान के लिए चौतरफा सलाह लेने, अभियान को आम लोगों के कार्यक्रम के रूप में चलाने के लिए नीति बनाने, संबंधित मंत्रालयों, राज्य सरकारों, औद्योगिक घरानों, स्कूलों, कॉलेजों जैसी अन्य संस्थानों से मिलकर इस दिशा में प्रयास तेज करने, अभियान को नियामक एजेंसियों से समर्थन और समर्पण सुनिश्चित करने, पुलिस और नगरपालिकाओं से मिलकर कार्यक्रम को लागू करने लायक बनाने और मीडिया को शामिल कर अभियान को आवश्यक तेजी देने की योजना बनाने के लिए किया गया था।
कार्यशाला में छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और शिक्षक संघों, गैर सरकारी संस्थानों, इनटैक, सुलभ इंटरनेशनल, व्यवसायिक निकाय, बड़े क्लबों, होटलों, होटल संघों, बहुराष्ट्रीय कंपनियों, बैंकों, क्लबों, साहसिक टूर आपरेटरों, घरेलू टू आपरेटरों, ट्रेवल एजेंटों, ट्रांसपोर्ट, ट्रेवल मीडिया, डीएवीपी, प्रिंट मीडिया, टीवी चैनलों, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, नगरपालिकाओं, पुलिस, राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालय आदि के संभावित कार्रवाई समूहों से आये प्रतिनिधियों की भागीदारी रही। कार्यशाला को पांच समूहों-अकादमिक समूह, सांस्थानिक कारसेवकों का समूह, ट्रेवल ट्रेड समूह, उद्योग समूह और मीडिया समूह में बांटा गया है।
वर्ष 2009 में पर्यटन मंत्रालय ने प्रमुख पर्यटन स्थलों पर ढांचागत सुविधाओं और सेवाओं की देनदारी में मौजूद कमियों की पहचान करने के लिए एक स्वतंत्र अध्ययन कराया था। पर्यटन मंत्रालय को पूरी जानकारी है और इसने इस समस्या पर नियंत्रण पा लिया है। यह मंत्रालय ‘अतिथि देवो भव:’ के ब्रांड के अंतर्गत एक प्रमुख सामाजिक जागरुकता मीडिया अभियान चला रहा है। फिल्म अभिनेता आमिर खान वर्ष 2008 से इस अभियान के ब्रांड अम्बेस्डर हैं। यह अभियान विभिन्न विषयों के अंतर्गत टेलीविजन चैनलों, एफएम रेडियो चैनलों, प्रिंट और इंटरनेट मीडिया पर चलाया जा रहा है। इनमें ‘स्मारकों को नुकसान पहुंचाने के खिलाफ अभियान’ और ‘स्वच्छता, सफाई और ठोस कचरा प्रबंधन’ शामिल हैं। इन मुद्दों पर घरेलू हितधारकों को जागरुक बनाने में यह अभियान काफी प्रभावशाली रहा है और इसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।
कार्यशाला का उद्घाटन पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने किया। उन्होंने कहा कि साफ वातावरण से समाज मजबूत होता है। कलाम ने सुझाव दिया कि सफाई अभियान को पूजा स्थलों तक विस्तार दिया जाना चाहिए, क्योंकि वहां बड़ी संख्या में लोग जमा होते हैं। उन्होंने जहां-तहां कचरा फेंकने से रोकने में और कचरा इकट्ठा करने की सही जगह तय करने में छात्रों की भागीदारी बढ़ाने की भी सलाह दी। मालदीव की पर्यटन व्यवस्था का हवाला देते हुए कलाम ने कहा कि भारत भी मालदीव की व्यवस्था का अध्ययन कर सकता है और इसे अपना सकता है, जिसमें पर्यटन स्थलों का रख-रखाव भी शामिल हो। पूर्व राष्ट्रपति ने इस अभियान में ग्राम पंचायतों और स्थानीय निकायों की भागीदारी बढ़ाने का भी सुझाव दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा और दक्षिण भारत के जाने-माने अभिनेता चिरंजीवी ने अपने संबोधन में इस अभियान को पूरा समर्थन देने की बात कही। दोनों ने कहा कि स्वच्छ भारत का संदेश आगे बढ़ाने के लिए उनकी सेवाएं पर्यटन मंत्रालय के लिए सदैव उपलब्ध है। कार्यशाला को केंद्रीय रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी संबोधित किया।