स्वतंत्र आवाज़
word map

प्रत्याशी और सरकारी सेवक सावधान‍ !

आदर्श आचार संहिता के दिशा-निर्देश जारी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

देहरादून। उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने बताया है कि विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2012 की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता प्रभावी हो गयी है। आदर्श आचार संहिता के लागू होते ही सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी माने जायेंगे, जो आयोग के मातहत रहकर उसके दिशा-निर्देश पर काम करेंगे। जनहित से जुड़ी सरकारी घोषणाओं, शिलान्यास, लोकार्पण या भूमि पूजन पर पूर्णरूप से प्रतिबंध रहेगा। सरकारी खर्च से ऐसा आयोजन नहीं होगा, जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ पहुंचता हो। राजनीतिक दलों के आचरण और कार्यकलाप पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक होंगे ही।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने सचेत किया है कि कोई भी राजनीतिक दल ऐसा काम न करे, जिससे विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच आपसी वैमनस्य, मतभेद या तनाव बढ़े या घृणा फैले। राजनीतिक दलों की आलोचना कार्यक्रम, नीतियों, पिछले रिकार्ड तथा कार्यों तक सीमित हो, न ही उनके व्यक्तिगत व निजी जीवन से संबंधित है। आदर्श आचार संहिता के अनुसार मत हासिल करने के लिए जाति अथवा साम्प्रदायिक भावनाओं के आधार पर कोई अपील नहीं की जायेगी।
उन्होंने बताया कि धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जायेगा। मत पाने के लिए भ्रष्ट आचरण का उपयोग नहीं किया जायेगा यथा रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना, उनकी जगह किसी और द्वारा मत डलवाना, मतदान की समाप्ति हेतु तय समय के 48 घंटे पहले तक के अंतराल में जनसभा आदि आयोजित करना व निवास से मतदान स्थल तक अथवा वापसी में मतदाताओं को परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराना आदि सम्मिलित है। किसी की अनुमति के बिना दीवार, अहाते या भूमि का उपयोग नहीं किया जायेगा। किसी दल की सभा या जुलूस में बाधा न डालने, राजनीतिक दलों से ऐसी कोई भी अपील जारी न करने, जिससे किसी की धार्मिक या जातीय भावनाएं आहत होती हों, के स्पष्ट निर्देश हैं।
आदर्श आचार संहिता में सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को दिये जाने के स्पष्ट निर्देश हैं, ताकि वे यातायात नियंत्रण व शांति-व्यवस्था बनाये रखने का उचित प्रबंध कर सकें। दल या अभ्यर्थी पहले ही सुनिश्चित कर लें, कि जो स्थान उन्होंने चुना है, वहां प्रतिबन्धात्मक व निषेधाज्ञा तो लागू नहीं है, इसके लिए आदेशों में छूट आदि प्राप्त करने के लिए, अगर किसी आवेदन करने की आवश्यकता हो, तो वह पहले से ही कर लें। किसी प्रस्तावित सभा, जनसभा में लाउडस्पीकर या अन्य सुविधाओं के प्रयोग हेतु अगर किसी अनुमति या लाइसेंस की आवश्यकता हो, तो उसकी अनुमति पहले प्राप्त करें। सभा के आयोजक विघ्न व्यवधान डालने या अव्यवस्था उत्पन्न करने वालों से निपटने के लिए पुलिस की सहायता करें।
आदर्श आचार संहिता में जुलूस का समय, शुरू होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति का समय तय कर सूचना पुलिस को देंगे, जुलूस का इंतजाम ऐसा हो, जिससे यातायात प्रभावित न होने, राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते से जुलूस निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले बात करने के निर्देश आचार संहिता में दिये गये हैं। आदर्श आचार संहिता के अनुसार शासकीय मशीनरी तथा कर्मचारियों का इस्तेमाल न करने, सरकारी विमान और गाड़ियों का प्रयोग, दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए न होने, हेलीपैड पर एकाधिकार न जताने, विश्रामगृह, डाक-बंगले या सरकारी आवासों पर एकाधिकार नहीं होने, इन स्थानों का प्रयोग प्रचार कार्यालय के लिए नहीं करने, सरकारी धन पर विज्ञापनों के जरिये उपलब्धियां नहीं गिनवाने के निर्देश दिये गए हैं।
आदर्श आचार संहिता के अनुसार अधिकारी या शासकीय सेवक, किसी भी अभ्यर्थी के निर्वाचन, मतदाता या गणना एजेंट नहीं बनेंगे, मंत्री यदि दौरे के समय निजी आवास पर ठहरते हैं, तो अधिकारी बुलाने पर भी वहां नहीं जाएंगे, चुनाव कार्य से जाने वाले मंत्रियों के साथ नहीं जाएंगे, जिनकी ड्यूटी लगाई गई है, उन्हें छोड़कर सभा या अन्य राजनीतिक आयोजन में शामिल नहीं होंगे, राजनीतिक दलों को सभा के लिए स्थान देते समय भेदभाव नहीं करेंगे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]