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देहरादून। उत्तराखंड की राज्यपाल मार्गेट आल्वा ने बुधवार को उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद के तत्वावधान में राजभवन पहुंचे प्रदेश के 11 जनपदों के निर्धन व निर्बल वर्ग के 58 बच्चों से मुलाकात की। ये बच्चे बाल कल्याण परिषद द्वारा आयोजित मिलकर रहना सीखो शिविर 2011 के अन्तर्गत पांच दिवसीय शिविर में शामिल होने देहरादून पहुंचे हैं। इन बच्चों को राज्यपाल ने प्रेरित करते हुए कहा कि जाति, धर्म और भाषा के बंधनों से ऊपर उठकर आपस में मिलजुल कर रहना सीखना जरूरी है, तभी वे अच्छे नागरिक बनकर राज्य व देश की सेवा हो सकते हैं।
राज्यपाल ने शिविर के उद्देश्यों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य के विभिन्न स्थानों से एकत्र हुए इन बच्चों को एक-दूसरे की बोली भाषा रहन-सहन आदि का अच्छा ज्ञान मिलता है, जो उन्हें समाज में मिलजुलकर रहना सिखाता है। इस शिविर में आयी छात्राओं ने राज्यपाल को कन्या भ्रूण हत्या तथा लड़का-लड़की के पालन पोषण में होने वाले भेदभाव संबंधी गीत सुनाया, जिसे सुनकर राज्यपाल ने कहा कि लड़की होने पर गर्व करो, अपने अधिकारों के लिए हिम्मत से खड़े रहो, डरो नहीं, शिविर से प्राप्त अनुभवों को वापस अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर और लोगों को बताओ। बच्चों ने राज्यपाल से मिलकर अपनी खुशी जाहिर की। इस अवसर पर अपर सचिव राज्यपाल सचिन कुर्वे, बाल कल्याण परिषद की महासचिव डॉ पुष्पा मानस, रेडक्रास के महासचिव डॉ आईएस पाल तथा बच्चों के साथ आये विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।