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'प्रेस इन इंडिया' सूचना सचिव को प्रस्तुत

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'प्रेस इन इंडिया' सूचना सचिव को प्रस्तुत/'press in india' information submitted to the secretary

नई दिल्ली। भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक के कार्यालय के प्रेस पंजीयक टी जयराज ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव उदय कुमार वर्मा को अपने कार्यालय की 2010-11 55वीं वार्षिक रिपोर्ट “प्रेस इन इंडिया” प्रस्तुत की।  इस अवसर पर सचिव, सूचना और प्रसारण ने कहा कि, वार्षिक रिपोर्ट देश में प्रिंट मीडिया के रोचक आंकडों का सार प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों के प्रचलनों के आधार पर विभिन्न समाचारपत्रों के सर्कुलेशन के तुलनात्मक विश्लेषण, एक निश्चित समयावधि में उनकी वृद्धि और अन्य तुलनात्मक ब्यौरों को अगले वर्ष की वर्षिक रिपोर्ट में ग्राफ के जरिए प्रस्तुत किया जा सकता है। इससे रिपोर्ट के महत्व में वृद्धि होगी और यह उद्योग के प्रमुख हितधारकों के लिए महत्वपूर्ण संदर्भ बिंदु के रुप में कार्य करेगी।
वर्ष 2010-11 के लिए वार्षिक रिपोर्ट में भारतीय प्रेस के मुख्य प्रचलनों को रेखांकित किया गया है। यह विश्लेषण समाचारपत्रों की संख्या और सर्कुलेशन के दावों के आधार पर भारतीय प्रेस के सामान्य प्रचलनों पर विस्तृत विवरण प्रस्तुत करती है। देश में कुल पंजीकृत समाचारपत्रों की संख्या 82,237 रही। वर्ष 2010-11 के दौरान 4853 नवीन समाचारपत्रों का पंजीकरण किया गया। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष पंजीकृत प्रकाशनों में 6.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इकतीस मार्च 2011 को समाप्त होने वाले वर्ष 2010 के लिए भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक के कार्यालय ने 13,229 नामों को मंजूरी दी। इनमें 32,793 के आंकडे के साथ हिंदी ऐसी भारतीय भाषा रही, जिसमें समाचारपत्रों और पत्र पत्रिकाओं का सर्वाधिक पंजीकरण किया गया। इसके बाद 11,478 के आंकडे के साथ अंग्रेजी का स्थान रहा।
प्राप्त वार्षिक ब्यौरों के आंकडों के अनुसार सर्वाधिक समाचारपत्र हिंदी (7910) में प्रकाशित हुए। इसके पश्चात अंग्रेजी (1406) उर्दू (938) गुजराती (761) तेलुगु (603) मराठी (521) बंगाली (472) तमिल (272) उडिया (245) कन्नड (200) और मलयालम (192) का स्थान रहा। रिपोर्ट के अनुसार सर्कुलेशन के संदर्भ में 15,54,94,770 प्रतियों के साथ हिंदी समाचारपत्रों का स्थान सबसे ऊपर रहा, इसके पश्चात 5,53,70,184 प्रतियों के साथ अंग्रेजी का स्थान रहा। उर्दू प्रेस की प्रतियों का आंकड़ा 2,1639,230 रहा। पीआरबी अधिनियम,1867 की धारा 19-जी के तहत यह रिपोर्ट एक वैधानिक आवश्यकता है। ग्यारह अध्यायों और 722 पृष्ठों की इस रिपोर्ट का संयोजन भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक के कार्यालय के अधिकारियों ने किया है।

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