स्वतंत्र आवाज़
word map

बिना शिकायत के हटाए गए थे 52 अधिकारी

2007 विधानसभा चुनाव पर आयोग की सूचना

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

लखनऊ। भारत निर्वाचन आयोग ने नेशनल आरटीआई फोरम की संयोजक डॉ नूतन ठाकुर को सूचना का अधिकार कानून के तहत दी जानकारी में कहा है कि वर्ष 2007 में उत्तर प्रदेश विधान सभा के चुनाव में जिन आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के स्थानांतरण हुए थे उनके स्‍थानांतरण शिकायतों पर आधारित नहीं थे। नूतन ठाकुर ने निर्वाचन आयोग से इन स्‍थानांतरणों सहित कई जानकारियां मांगी थीं।
नूतन ठाकुर ने जानना चाहा था कि ये स्थानांतरण किन शिकायतों (लिखित तथा मौखिक) के आधार पर किये गये थे? कुल कितने आईएएस तथा आईपीएस अधिकारियों के स्थानांतरण हुए? इस बारे में उन्हें वरिंदर कुमार अंडर सेक्रेटरी, भारत निर्वाचन आयोग का पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें बताया गया कि वर्ष 2007 में विधान सभा चुनावों के दौरान 28 आईएएस और 24 आईपीएस अधिकारियों के स्थानांतरण किये गए। इन अधिकारियों के विषय में मौखिक तथा लिखित कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई थी, स्वतंत्र तथा निष्पक्ष निर्वाचन कराने के लिये आयोग ने उपरोक्त स्थानांतरण किए थे और किसी प्रकार की जांच आख्या आयोग में प्राप्त नहीं हुई थी।
नूतन ठाकुर ने अन्य बिंदुओं जैसे-अधिकारियों के स्थानांतरण संबंधी आधार, इस संबंध में बनी कोई विशेष कार्ययोजना अथवा दिल्ली में तैनात आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का सहारा ले कर अधिकारियों की सूची तैयार करने आदि के बारे में पूरक जानकारियां मांगी थीं, इस पर आयोग के अवर सचिव हरबंस सिंह के पत्र में बताया गया कि कोई व्यक्तिगत शिकायत नहीं थी, आयोग ने ये निर्णय निष्पक्ष तथा स्वतंत्र चुनाव कराने के आधार पर लिये थे, इस बारे में कोई कार्ययोजना नहीं बनी और ना ही इस प्रकार की कोई सूची बनायी गई। आयोग की सूचना के अनुसार निर्वाचन नामावलियों के पुनरीक्षण कार्य की निगरानी के लिये नियुक्त कुछ पर्यवेक्षकों ने बताया था कि राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों और मंत्रियों की बुलाई गयी मीटिंग में अपनी उपस्थिति दी थी और इस आधार पर स्थानांतरण हुए।
नूतन ठाकुर के पति अमिताभ ठाकुर भी आईपीएस अधिकारी हैं जिनको भी वर्ष 2007 में विधानसभा चुनावों के दौरान एसपी महाराजगंज के पद से स्थानांतरित किया गया था, इस पर उन्होंने आरटीआई में जानकारी मांगी थी, जिस पर आयोग के जन सूचना अधिकारी वरिंदर सिंह ने उन्हें बताया था कि उनकी ना तो कोई मौखिक शिकायतें ना कोई लिखित शिकायतें निर्वाचन आयोग को मिली थीं और ना ही किसी पर्यवेक्षक या सूत्रों ने कोई शिकायत की थी। इस सूचना के बाद अमिताभ ठाकुर ने अपने अधिवक्ता अभय कुमार सिंह के माध्यम से निर्वाचन आयोग को एक लीगल नोटिस भी भेजा था।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]