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‘आक्टेव’ के कलाकारों ने राज्यपाल को रिझाया

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राज्यपाल के साथ ‘आक्टेव’ के कलाकार/ 'aktev' artists with the governor

देहरादून। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, इलाहाबाद के संयुक्त तत्वावधान में देहरादून आए ‘आक्टेव’ के 350 कलाकारों ने अपनी कला से सोमवार को राजभवन में अपनी संस्कृति और परंपराओं के मनमोहक और एकता में अनेकता के विलक्षण दृश्य प्रस्तुत किए। दरअसल असम, अरूणाचल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम से आये इन कलाकारों ने 31 दिसंबर 2011 को देहरादून के ओएनजीसी भवन में आयोजित ‘विरासत’ कार्यक्रम के अंतर्गत अपने-अपने राज्यों की अद्भुत लोक संस्कृति की प्रस्तुति से मुख्य अतिथि और उत्तराखंड की राज्यपाल मार्ग्रेट आल्वा को प्रभावित किया था, इनकी प्रस्तुतियों से अभिभूत राज्यपाल ने इन कलाकारों को राजभवन में आमंत्रित किया था जहां राजभवन पहुंचकर मणिपुर के कलाकारों ने मणिपुर युद्ध कला पर आधारित ‘चेइनोल जगोई’ नृत्य और सिक्किम के कलाकारों ने राज्य की संस्कृति का प्रखर प्रतीक ‘सिंघी छाम’ नृत्य की अद्भुत प्रस्तुति दी।
राजभवन में कलाकारों का स्वागत करते हुए राज्यपाल ने कहा कि अपने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधताओं को देख कर गर्व होता है, देश की यही सांस्कृतिक विलक्षणता, विविधता और इनका आदान-प्रदान हम सबको एक सूत्र में बांधता है, क्योंकि देश के विभिन्न राज्यों की समृद्ध लोक कलाओं को देखने और समझने का अवसर इन कलाकारों के माध्यम से ही अन्य राज्यों को प्राप्त होता है। राज्यपाल ने देहरादून में आयोजित इस सांस्कृतिक समागम की योजना को राष्ट्रीय एकता की धरोहर बताते हुए कहा कि पूर्वोत्तर के आठ राज्यों की सांस्कृतिक अभिव्यक्ति ने यह अनुभव कराया है कि हमारे देश का सांस्कृतिक उपवन विभिन्न राज्यों के फूलों की संस्कृति से गुलजार है। उन्होंने कलाकारों को पुनः आगमन का आमंत्रण दिया। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव अशोक, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र इलाहाबाद के निदेशक आनंद वर्धन शुक्ला (आईपीएस) भी उपस्थित थे, जिनके नेतृत्व में सांस्कृतिक कलाकारों का यह दल देहरादून आया है।

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