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सुभाष दवे को पत्रकारों ने दी श्रद्धांजलि

प्रेस क्लब में श्रद्धांजलि सभा

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प्रेस क्लब में श्रद्धांजलि सभा/condolence meeting at the press club

लखनऊ। वरिष्ठ पत्रकार सुभाष दवे का व्यक्तित्व अद्भुद था, उनमें सफल पत्रकार और अच्छे इंसान का समन्वय था, वे पत्रकारिता और मित्रों के प्रति हमेशा ईमानदार रहे, उन्होंने सहकर्मियों के साथ कभी वरिष्ठ और कनिष्ठ का भेद नहीं किया, वे सभी को सद्व्यवहार की सीख देते थे। बुधवार की शाम यूपी प्रेस क्लब में सुभाष दवे को श्रद्धांजलि देने एकत्र हुए पत्रकारों ने उनके बारे में इस प्रकार अपने जज़बात व्यक्त किए और उनके चित्र पर श्रद्धा के पुष्प अर्पित किए। ज्ञातव्य है कि सुभाष दवे का सोमवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।
सुभाष दवे को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार और माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति अच्युतानंद मिश्र ने कहा कि वे कर्तव्यनिष्ठ पत्रकार और अच्छे इंसान थे, उन्होंने मध्य प्रदेश में इंदौर से नई दुनिया के साथ जुड़कर पत्रकारिता की शुरुआत की, लखनऊ आये और राष्ट्रधर्म, तरुण भारत और अमर उजाला से जुड़कर पत्रकारिता का एक मुकाम हांसिल किया, उनकी कमी हमेशा खलेगी। वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व सूचना आयुक्त ज्ञानेन्द्र शर्मा ने कहा कि सुभाष दवे में एक साथ कई गुणों का संगम था, वे बेहद अच्छे इंसान थे, उनके अतीत में जाकर उन्होंने कहा कि वे विषयों पर चर्चा करते थे, क्योंकि सभी को बौद्धिक मदद की जरूरत होती है। ज्ञानेंद्र शर्मा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति सर्वज्ञानी नहीं होता। इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकारों के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए एक समन्वय समिति होनी चाहिए।
यूपी प्रेस क्लब के अध्यक्ष रवींद्र सिंह ने सुभाष दवे से जुड़ीं स्मृतियों को याद करते हुए कहा कि वे बहुत कम बोलते थे और जो बोलते थे सटीक बोलते थे, वे हमेशा मुस्कुराते रहते थे, उनके निधन से पत्रकारिता की इस पीढ़ी को बड़ी क्षति हुई है। वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व सूचना आयुक्त वीरेंद्र सक्सेना ने कहा कि सुभाष दवे सौम्यता के प्रतीक थे, वे हमेशा अपने काम के प्रति ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ रहे, किसी एक इंसान में इतनी अधिक खूबियां मिलना मुश्किल हैं। यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी ने कहा कि उन्होंने कभी भी अखबार का उपयोग अपने निजी हित के लिए नहीं किया। यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पीबी वर्मा ने सुभाष दवे की पत्रकारिता और उनके व्यक्तित्व को अनुकरणीय बताते हुए कहा कि उनके जीवन पर सेमिनार आयोजित होना चाहिएं।
यूपी प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष रामदत्त त्रिपाठी ने कहा कि वे कर्तव्य के प्रति हमेशा ईमानदार रहते थे। वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र जायसवाल ने कहा कि उनका व्यक्तित्व प्रभावशाली था। वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने कहा कि उन्हें सुभाष दवे से बहुत कुछ सीखने को मिला, वे हमेशा कहा करते थे कि पत्रकार को अपनी ताकत लेखनी से दिखानी चाहिए बोलकर नहीं। वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद गोस्वामी ने कहा कि उनके व्यवहार में वरिष्ठ और कनिष्ठ का कोई भेद नहीं था। वरिष्ठ पत्रकार शिवशंकर गोस्वामी ने कहा कि सुभाष दवे हमेशा अपने सहयोगियों को सिखाते थे। यूपी प्रेस क्लब के सचिव जोखू प्रसाद तिवारी ने कहा कि सुभाष दवे अपने सिद्धान्तों के प्रति निष्ठावान थे। वरिष्ठ पत्रकार गोविंद पंत राजू ने कहा कि सुभाष दवे अच्छे पत्रकार होने के साथ-साथ ट्रेड यूनियन सहकर्मी भी थे, वे पत्रकारों की समस्याओं के लिए होने वाले आंदोलनों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते थे, उनके व्यक्तिव में एक खास तरह की आत्मीयता थी, उनके निधन से एक खांटी पत्रकार कम हो गया है। राजू ने कहा कि उनके व्यक्तित्व पर पत्रिकाओं में आलेख प्रकाशित होने चाहिएं। श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के राष्ट्रीय सचिव हेमंत तिवारी  ने कहा कि सुभाष दवे का व्यक्तित्व सहज, सरल और सौम्य था।
वरिष्ठ पत्रकार अफजाल अंसारी ने कहा कि वे साथियों के साथ बड़ी गर्मजोशी से मिलते थे और पत्रकारिता और मित्रों के प्रति हमेशा निष्ठावान रहे। वरिष्ठ पत्रकार मुदित माथुर ने कहा कि वे पत्रकारिता के साथ-साथ संगठन के काम मे भी सक्रिय रहते थे और संगठनों की प्रतिबद्धता उनके व्यवसायिक दायित्व में आडे़ नहीं आती थी। उपजा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा कि सुभाष दवे ने कुछ समय से स्वयं को एकाकी कर लिया था, वे कुछ समय से सामाजिक गतिविधियों से भी कट गए थे। वरिष्ठ पत्रकार सुरेश द्विवेदी ने कहा कि उनमें अपनत्व बहुत था, वे सदैव सहयोगियों को सुझाव देते थे। पत्रकार सुनील पावगी, विजय उपाध्याय, रजा रिजवी ने प्रभात त्रिपाठी, श्याम कुमार, अनिल त्रिपाठी, दिलीप सिंहा ने विचार व्यक्त किये।
सभी वक्ताओं ने कहा कि उन्होंने पेशेवर पत्रकारिता को प्रोत्साहन दिया और विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार संस्‍थानों में कार्य किया। वे अपने सहयोगियों में बहुत सौम्य पत्रकार के रूप में जाने गए। वक्ताओं ने कहा कि पत्रकारों को उन मूल्यों को प्रोत्साहित करना चाहिए जो एक दूसरे के दुख-सुख में भाग लेने की प्रेरणा देते हैं। वक्ताओं की यह पीड़ा भी सामने आई कि कहीं न कहीं अपने अग्रजों एवं पूर्वजों के प्रति उन्हें याद रखने और उनसे प्रेरणा लेने का भाव विलुप्त हो रहा है। श्रद्धांजलि सभा के बाद दो मिनट का मौन रखा गया। उपजा के प्रदेश महामंत्री सर्वेश कुमार सिंह के श्रद्धांजलि सभा का संचालन किया।

  • मीडिया सेंटर में श्रद्धांजलि

सुभाष दवे के निधन पर मीडिया सेंटर एनेक्सी में शोक सभा आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। शोक सभा में वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान, रामदत्त त्रिपाठी, अजय कुमार, पीबी वर्मा, हिसामुल इस्लाम सिद्दीकी, श्याम कुमार एवं सर्वेश कुमार सिंह ने सुभाष दवे के पत्रकारिता में योगदान पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने सुभाष दवे को अत्यंत मिलनसार एवं पत्रकारिता के लिए समर्पित व्यक्तित्व बताया और कहा कि उनके निधन से पत्रकारिता की बड़ी क्षति हुई है।

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