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नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि हालांकि लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर को हर साल समकक्ष परिपक्वता वाली सरकारी प्रतिभूतियों के साथ जोड़ा जाएगा, और जहां तक पीपीएफ को छोड़ कर व्यक्तिगत निवेशों का संबंध है, ये दरें फिक्स रहती हैं और इनमें कमी-बेशी नहीं होती। कुछ समाचार पत्रों में छपी इस खबर के बारे में स्पष्ट किया गया है कि पहली दिसंबर 2011 से संशोधित लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें फ्लोटिंग हैं, जिसमें सरकारी प्रतिभूतियों पर लाभ में उतार-चढ़ाव के अनुसार परिवर्तन किया जाएगा।
वित्त मंत्रालय ने इस बारे में स्पष्ट किया है कि निवेश के समय मौजूद ब्याज दर उस निवेश की परिपक्वता तक निश्चित रहेगी और उसमें कोई बदलाव नहीं होगा, बाद के वर्षों में ब्याज दर में कोई संशोधन संबद्ध अवधि में किये गए निवेश पर ही लागू होगा। उदाहरण के तौर पर 1 दिसंबर 2011 को किसी इन्स्ट्रूमेंट में किया गया निवेश उस इन्स्ट्रूमेंट की परिपक्वता तक वैध रहेगा, उस पर 1 अप्रैल 2012 से प्रभावी संशोधित होने वाली ब्याज दरें लागू नहीं होंगी। जहां तक पीपीएफ का संबंध है, हर वर्ष तय की जाने वाली ब्याज दर पीपीएफ के सभी खातों पर लागू होगी।