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नई दिल्ली। देश के विभिन्न 237 स्थानों में पदस्थापित सीमा सुरक्षा बल के सभी जवान अब अपने व्यक्तिगत डाटा तक पहुंच पाने में सक्षम होंगे, चाहे वे जहां भी पदस्थापित हों, कारगर कार्यालय प्रबंधन के अलावा यह इंट्रानेट प्रहरी परियोजना का प्रमुख लाभ है, जो शीघ्र निर्णय करने में मददगार होगी। केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने गुरूवार को सीजीओ कांपलेक्स स्थित सीमा सुरक्षा बल के मुख्यालय महानिदेशालय के डाटा सेंटर में इंट्रानेट प्रहरी परियोजना का शुभारंभ करते हुए यह जानकारी दी।
इस परियोजना के अधीन 229 करोड़ रुपए की लागत पर सीमा सुरक्षा बल के बटालियन स्तर तक सभी 237 स्थानों तक नेटवर्क संपर्क का विस्तार किया गया है। इसके अंतर्गत अत्याधुनिक डाटा केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें मुख्य डाटा केंद्र, आपदा राहत डाटा केंद्र (भूकंप क्षेत्र) और डाटा भंडारण के लिए सीमावर्ती मुख्यालयों में मिनी डाटा केंद्र शामिल हैं। नेटवर्क की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और डाटा की क्षति की रोकथाम के लिए साइबर सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए गए हैं। गृह मंत्रालय ने 25 फरवरी 2010 को इंट्रानेट प्रहरी परियोजना को अपनी मंजूरी दी थी।