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कड़कड़ाते मौसम से उत्तर भारत कंपकपाया

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नई दिल्ली। बारिश, ओले, और बर्फबारी ने देश को हाड़ गलाने वाली ठंड के आगोश में ला दिया है। उत्तर भारत में सप्ताह भर से लोग घरों में ही दुबके हैं, चारों ओर से शीतलहर चलने के समाचार आ रहे हैं। दिल्ली में कोहरे से जनजीवन थम सा गया है। सड़क, रेल और विमान सेवाओं पर इसका ज़बर्दस्त प्रभाव पड़ा है। आने वाले दिनों में भी ठंड से निजात मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। राजधानी दिल्ली में भी रात भर बारिश के कारण शीतलहर ने शनिवार को दिन में भी अपना पुरजोर एहसास कराया। धूप कुछ देर के लिए ही निकली। कहीं कम, कहीं ज्यादा पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी बारिश हुई। कोहरे के चलते शनिवार को आइजीआइ एयरपोर्ट पर विमानों का संचालन प्रभावित हुआ। चौबीस घंटे के दौरान 11 उड़ानें रद हुईं, जबकि 86 विमान आधे से चार घंटे की देरी से रवाना हुए व उतरे। उड़ानें रद होने से हवाई यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
शनिवार को आइजीआइ एयरपोर्ट पर पूरे दिन कोहरा छाया रहा। सामान्य दृश्यता 300 मीटर थी, जबकि शाम में न्यूनतम दृश्यता 200 के करीब पहुंच गई। इस दौरान विमानों को सामान्य तरीके से उतारा गया। अन्य शहरों में खराब मौसम की वजह से आठ जबकि ऑपरेशन कारण से तीन उड़ानें रद हुईं, वहीं, कोहरे के चलते 13 व अन्य कारणों से 73 विमानों का संचालन देरी से हुआ। मुंबई, भोपाल, रांची, लखनऊ, कोलकाता, अमृतसर, चंड़ीगढ़ और रांची रूट के विमान सबसे ज्यादा प्रभावित रहे। कश्मीर घाटी में भारी वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कश्मीर घाटी का आज तीसरे दिन भी जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद होने की वजह से देश के बाकी हिस्सों से सड़क संपर्क कटा हुआ है, भारी हिमपात के कारण कल बिजली, पानी, इंटरनेट और संचार सेवाओं पर बुरा असर पड़ा।
उधर, हिमाचल प्रदेश में कई हिस्सों में कल फिर हिमपात हुआ। शिमला, धर्मशाला, मैकलायडगंज, मनाली और डलहौजी में 15 से 30 सेंटीमीटर तक हिमपात हुआ। नूरपुर और कांगड़ा में 40 वर्ष के बाद कल बर्फ गिरी। उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड से जनजीवन प्रभावित है। राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात जारी है। देश के सीमांत जिलों उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ के दूर-दराज के इलाकों में हिमपात से कई सम्पर्क मार्ग बंद हो गए हैं और सैंकड़ों गांव का जिला मुख्यालयों से सम्पर्क कट गया है। इसके अलावा खराब मौसम का असर राज्य के कुछ अन्य प्रमुख राजमार्गों पर भी पड़ा है। बर्फबारी से जहां मसूरी और नैनीताल आने वाले पर्यटक और व्यवसायी खुश हैं, वहीं दूर-दराज के ऊंचाई वाले इलाकों में लोगों की मुसीबतें बढ़ गईं हैं।
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और वादी कश्मीर के सभी प्रमुख हिल स्टेशन को बर्फबारी ने निहाल कर दिया है। सैलानियों की तो मानो मुंह मांगी मुराद पूरी हो गई है। दूसरा पहलू यह है कि भारी बर्फबारी के कारण दुश्वारियां भी खड़ी हो गई हैं। कश्मीर में बर्फीले तूफान का खतरा बढ़ गया है। घाटी का सड़क एवं हवाई संपर्क भंग हो गया है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सूरज बादलों और कोहरे की ओट लिए रहा। शीतलहर गलन बढ़ाती रही।
हिमाचल प्रदेश में पहाड़ के साथ निचले इलाके भी शनिवार को बर्फ से लद गए। शिमला, मनाली, चायल, कसौली, सिरमौर जिला के चूड़धार, चंबा, डलहौजी, बनीखेत और करीब 67 साल बाद कांगड़ा, देहरा, पालमपुर, नूरपुर, ज्वालामुखी, ऊना जिले के चिंतपूर्णी तथा हमीरपुर जिले के कई भागों में दो से तीन ईच तक बर्फ गिरी। मौसम विभाग ने अगले 36 घंटे के दौरान प्रदेश में भारी बर्फबारी व बारिश की चेतावनी दी है। राजधानी शिमला में सैलानियों ने हिमपात के बीच रिज मैदान, माल रोड, कुफरी व फागू में बर्फ के साथ खूब अठखेलियां कीं।
उत्तराखंड की चोटियों को बर्फ से ढक दिया तो लगभग सभी निचले क्षेत्रों में बारिश दे डाली। कुमाऊं में मुनस्यारी, रानीखेत, कौसानी, नैनीताल व अल्मोड़ा में बर्फ गिरी है। नैनीताल में बर्फबारी के बाद अच्छी वर्षा हुई। बर्फबारी व वर्षा के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ठिठुरन बढ़ने के साथ ही बर्फबारी ने मुसीबत भी बढ़ाई है। गढ़वाल क्षेत्र बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धामों के साथ ही चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग जिलों की पहाड़ियां बर्फ से सज-संवर गई हैं। मंसूरी के आस-पास के क्षेत्र हिमाच्छादित हो गए हैं। पहाड़ पर बर्फ ने मैदानी इलाकों में शीतलहर झोंक दिया है। बारिश ने ठिठुरन और बढ़ा दी है। मैदान में मौसम के बदले मिजाज का असर यह है कि न्यूनतम तापमान तो 3 से लेकर 5 डिग्री सेल्सियस तक ऊपर चढ़ रहा है। लेकिन अधिकतम तापमान भी 3 से लेकर 7 डिग्री सेल्यिस तक लुढ़क गया। नतीजतन गलन बढ़ गई है।
जम्मू-कश्मीरमें लगातार हो रही भारी बर्फबारी के बाद अब बर्फीले तूफान का खतरा पैदा हो गया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ ने तूफान की चेतावनी देते हुए लोगों को सचेत रहने की सलाह दी है। श्रीनगर में हिमपात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लोगों के घर, पेड़-पौधे सभी बर्फ में पूरी तरह ढक गए हैं। यहां चार से पांच इंच हिमपात रिकॉर्ड किया गया। गुलमर्ग, पहलगाम, सोनमर्ग, युसमर्ग, दक्सुम, अहरबल, शोपियां, कुलगाम, गांदरबल, कंगन, बड़गाम, बारामूला, कुपवाड़ा, अफरवट, जवाहर सुरंग, पंचतरनी, अमरनाथ गुफा में पांच फीट बर्फ गिर चुकी है। श्रीनगर में भारी बर्फबारी के कारण श्रीनगर-जम्मू हाइवे रविवार को लगातार तीसरे दिन बंद रहा, जबकि सीमा सड़क संगठन ;बीआरओद्ध करीब 300 किलोमीटर इस लंबे हाइवे पर यातायात बहाल करने के लिए अपने कर्मचारियों व तंत्र के साथ रास्ते से बर्फ हटाने के काम में जुटा रहा।
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय व दुर्गम क्षेत्रों का संपर्क देश के अन्य हिस्सों से कट गया है। किन्नौर जिला देश के अन्य भागों से कट गया है। यहां बिजली-पानी की आपूर्ति बंद होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 120 गांवों को जोड़ने वाले 44 संपर्क मार्ग बंद हैं। इन मार्गों में हिमाचल पथ परिवहन निगम की 30 बसें फंसी हुई हैं। कांगड़ा व कुल्लू हवाई अड्डों से विमान सेवा ठप रही। श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग लगातार दूसरे दिन भी बंद रहा। हाइवे पर जगह-जगह फंसे वाहनों को सुरक्षित स्थानों की ओर पहुंचाने का काम जारी है। श्रीनगर में बिजली की आपूर्ति शुक्रवार से ठप है, नतीजत इंटरनेट एवं मोबाइल सेवा भी ठप रहीं। विमानों का आवागमन रद रहा।
देहरादून में ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात और अन्य स्थानों पर बारिश से आम जन-जीवन बाधित हो गया है। ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी से कई सड़कें बन्द हो गई हैं। मौसम की खराबी से राज्य में चुनावी गतिविधियां भी प्रभावित हुई हैं। मौसम विभाग के निदेशक आनन्द शर्मा ने बताया है कि अगले चौबीस घंटों के दौरान मौसम में बदलाव की संभावना नहीं है, बारिश और बर्फ से किसानों और औद्यानिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ मिलेगा। चमोली में बीती रात से हो रही बर्फबारी व वर्षा के चलते जिला कड़ाके की ठंड की चपेट में आ गया है। बदरीनाथ, फूलों की घाटी, हेमकुण्ड साहिब, तुंगनाथ और रुद्रनाथ सहित अन्य ऊंची चोटियों पर हिमपात व निचले इलाकों में रुक-रुक कर हो रही वर्षा से तापमान में भारी गिरावट आई है।
उधर, विश्व स्कीइंग केंद्र औली में भी हिमपात होने से पर्यटकों व स्कीयरों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है, लेकिन एशिया की सबसे लम्बी रोप-वे के यहां बीते एक वर्ष से खराब होने के कारण पर्यटक व स्कीयर रोप-वे का लुत्फ नहीं उठा पा रहे हैं, जिससे पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों में भारी आक्रोष व्याप्त है। रोपवे के ठप पड़े होने से गढ़वाल मण्डल विकास निगम को भी करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। नैनीताल में बर्फबारी हो रही है और बर्फबारी का आनन्द लेने के लिए दूर-दूर से पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं। सरोवर नगरी में बारापत्थर, स्नोव्यू, किलबरी रोड, आदि पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों की भीड़ हो रही है। उधर, वर्ष के प्रारम्भ में अच्छी बर्फबारी को देखकर होटल व्यवसायियों के चेहरे खिल उठे हैं। इस बीच, रुद्रप्रयाग, टिहरी, चम्पावत, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में कहीं बर्फबारी तो कहीं बारिश के समाचार हैं। 
हरियाणा के सभी स्कूल आने वाली 16 जनवरी तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश में प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर पिछले चौबीस घंटों के दौरान रूक-रूक कर हुई बूंदाबांदी और बर्फीली हवाओं के कारण शीतलहर का प्रकोप बना हुआ है। हालांकि आमतौर पर रात और दिन के तापमान मे वृद्धि दर्ज की गई है। इलाहाबाद में दो दशमलव दो मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई जबकि लखनऊ में एक दशमलव सात मिलीमीटर वर्षा हुई।

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