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नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय समुद्र संगठन ने अंतर्राष्ट्रीय नौवहन के लिए अनिवार्य रूप से लागू होने वाले कुछ नियामक तय किए हैं, जो इस प्रकार हैं-एक जनवरी 2012 से ईंधन के लिए इस्तेमाल होने वाले तेल में सल्फर की सीमा 4.5 प्रतिशत से घटाकर 3.5 प्रतिशत कर दिया है। उत्सर्जन नियंत्रित क्षेत्र में सल्फर की सीमा 1.5 प्रतिशत से घटकर 1 प्रतिशत कर दी गई है जो कि एक जुलाई 2010 से लागू है।
आईएमओ के प्रस्तावित नियामक के लिए एक एनर्जी एफीसिएंसी डिजाइन इंडेक्स तय किया गया है, जिसे चार चरणों में 1 जनवरी 2013 से 1 जनवरी 2025 तक लागू किया जाएगा। सामुद्रिक प्रदूषण एनेक्जर IV में दर्ज कटौती का सरकार ने समर्थन किया है ताकि तय की गई जरूरी सीमा को पूरा किया जा सके। सामुद्रिक प्रदूषण एनेक्जर IV संबंधित पक्षों को ईईडीआई की जरूरत में जहाज के प्रचालन से चार से अधिकतम 6.5 वर्ष तक छूट की सहूलियत देता है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने जहाजों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन तेल में सल्फर की अधिकतम सीमा से संबंधित सुझाव आईएमओ को पहले ही दे दिया था।