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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल से गुरूवार को अनुमोदित नशीले पदार्थो संबंधी नीति में सिफारिश की गयी है कि भारत में डोडे से अफीम बनाने का काम किसी कंपनी या कार्पोरेट निकाय को दिया जाए, इससे भारत का सारी दुनिया को अफीम उत्पादों को सप्लाई करने का परांपरागत दर्जा बरकरार रहेगा और उसमें प्रतियोगिता भी आयेगी। इस नीति की घोषणा में कहा गया है कि अफीम के डोडे के आदी लोगों की नशे की लत धीरे-धीरे छुड़ाई जायेगी और आखिरकार एक निश्चित अवधि में इसे रोक दिया जायेगा, अवधि का फैसला राज्य करेंगे। नीति के अनुसार अफीम और गांजे की अवैध खेती पर नजर रखने में उपग्रह का इस्तेमाल किया जायेगा और जो लोग इस खेती से जुड़े हुए हैं, उन्हें बाद में रोजी-रोटी के वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराये जायेंगे। अफीम से अलकलाईड बनाने का काम प्राइवेट सैक्टर को सौप दिया जायेगा, फिलहाल यह काम सरकारी फैक्ट्रियों में होता है। ऐसे उपाय किये जायेंगे कि नशीले पदार्थो की तस्करी करने वालों को मोरफीन उपलब्ध न होने पाये। इस नीति को लागू करने से अपराधों में कमी आयेगी और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार होगा।