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भारत-बांग्लादेश का भविष्‍य एक दूसरे से जुड़ा-उपराष्‍ट्रपति

त्रिपुरा विश्‍वविद्यालय का नौवां दीक्षांत समारोह

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त्रिपुरा विश्‍वविद्यालय में दीक्षांत समारोह/tripura university convocation

अगरतला। उपराष्‍ट्रपति मोहम्‍मद हामिद अंसारी ने कहा है कि भारत और बांग्लादेश के भविष्‍य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अगरतला में त्रिपुरा विश्‍वविद्यालय के 9वें दीक्षांत समारोह में उन्‍होंने कहा कि दोनों देशों के लोगों का सांझा इतिहास, संस्‍कृति, भाषा और परंपराएं हैं, उन्‍होंने हमेशा एक दूसरे के साथ सहयोग किया है और मिलकर चुनौतियों का सामना किया है। हामिद अंसारी ने कहा कि हमारे संबंध, हमारे सांझे मूल्‍यों और धर्मनिरपेक्षता, बहुदलीय लोकतंत्र, सामाजिक न्‍याय और मौलिक मानवीय स्‍वतंत्रता में प्रतिबद्धता पर आधारित हैं। हामिद अंसारी ने विश्‍वविद्यालय की ओर से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को डॉक्टर ऑफ लिट्ट्रेचर की उपाधि दिये जाने पर बधाई दी। उन्‍होंने दीक्षांत समारोह में डिग्रियां प्राप्‍त करने वाले स्‍नातकों और स्‍नातकोत्तर छात्रों को भी सफल जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं।
उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि त्रिपुरा और बांग्लादेश के बीच विशेष संबंध हैं। तीनों दिशाओं से त्रिपुरा की सीमाएं बांग्लादेश से लगी हैं और यहां के लोगों ने बांग्लादेश के उदय का मार्ग प्रशस्त करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है। मोहम्मद हामिद अंसारी ने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की जनवरी 2010 में हुई भारत यात्रा और भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सितंबर 2011 में हुई यात्रा के बाद जारी संयुक्‍त विज्ञप्तियों को लागू करने से यह विशेष संबंध और मजबूत होगा। त्रिपुरा और बांग्लादेश के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी और लोगों के आपसी संपर्कों और व्‍यापार संबंधों को भी प्रोत्‍साहन मिलेगा।
मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा कि पिछले 25 वर्ष में त्रिपुरा विश्‍वविद्यालय ने ज्ञान प्रदान करने और उत्‍कृष्‍टता प्राप्‍त करने की दिशा में महत्‍वपूर्ण कार्य किया है और विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र और त्रिपुरा के लोगों के जीवन और संस्‍कृति के विभिन्‍न पहलुओं को समृद्ध किया है। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि यह बहुत प्रसन्‍नता की बात है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना यहां मौजूद हैं, जिन्‍होंने बांग्लादेश में लोकतांत्रिक मूल्‍यों को कायम रखने और महिलाओं के अधिकारों के लिए निरंतर प्रयास किये हैं, आतंकवाद और उग्रवाद के खतरों का सामना करते हुए उन्‍होंने अपने देश में बहु समाजवाद और आधुनिकीकरण के साथ-साथ आर्थिक विकास और सामाजिक न्‍याय के महत्‍वाकांक्षी एजेंडे को आगे बढ़ाया है।
मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा कि भारत की पूर्व की ओर देखों नीति में बांग्लादेश सबसे पहले आता है। बांग्लादेश के रास्‍ते से स्‍थल मार्ग खुलने पर दोनों देशों को ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र को लाभ होगा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पिछले वर्ष सितंबर में असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के मुख्‍यमंत्रियों के साथ बांग्लादेश गए थे। इससे भारत के पूर्वोत्तर राज्‍यों की इस दिलचस्पी का पता लगता है कि वे बांग्लादेश के साथ संबंधों को बढ़ाना चाहते हैं। पिछले वर्ष दो महत्‍वपूर्ण घटनाएं हुईं, एक तो बांग्लादेश ने अपनी स्‍थापना और स्‍वतंत्रता की 40वीं वर्षगांठ मनाई और दूसरी दोनों देशों ने विश्‍व कवि और गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर की 150वीं जयंती के समारोहों का मिलकर आयोजन किया। आईए हम मिलकर उस उद्देश्‍य की प्राप्ति के लिए मिलकर काम करें, वाक्य गुरुदेव को अति प्रिय था, इसलिए सभी लोग ईमानदारी और प्‍यार के साथ एक दूसरे के प्रति सहानुभूति और सौहार्द रखें।

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