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नई दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा कानून 2005 और दहेज रोकथाम कानून 1961 को लागू करने के संदर्भ में दिल्ली के विज्ञान भवन में 11 और 12 जनवरी को दो दिन की राष्ट्रीय मंत्रणा बैठक की। बैठक की अध्यक्षता महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ने की। बैठक में राज्यों में महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण विभाग के सचिव, प्रतिनिधि, राज्यों के कानूनी सेवा प्राधिकरण के प्रतिनिधि, पुलिस, सुरक्षा अधिकारी और सेवा प्रदाता शामिल हुए।
घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा कानून पीएमडीवीए को लागू करने से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों पर प्रतिनिधियों को भारत की अतिरिक्त महाधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने संबोधित किया। राज्य सरकार के प्रतिनिधियों ने दोनों कानूनों को अपने-अपने प्रदेशों में लागू करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। इस संदर्भ में सुरक्षा अधिकारियों एवं सेवा प्रदाताओं की नियुक्ति, स्वास्थ्य सुविधाओं की अधिसूचना और पीडब्लयूडीवीए 2005 के तहत जारी राशि के संदर्भ में जानकारियां साझा की गई। दहेज रोकथाम अधिकारियों की नियुक्ति और डीपीए 1961 के तहत सलाहकार बोर्ड के गठन पर भी विचार किया गया। पीडब्लूडीवीए 2005 और डीपीए 1961 से जुड़ी घरेलू हिंसा और अन्य मुद्दों से निपटने में स्वास्थ्य अधिकारियों की भूमिका पर भी चर्चा की गई। दो दिन की इस बैठक में चर्चा का केंद्र बिंदु प्रदेशों में दोनों कानूनों को लागू करने में आ रही चुनौतियों पर रहा।