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देहरादून। गढ़वाल मंडल के आयुक्त अजय नबियाल ने शुक्रवार को मतदान के लिए तैनात जोनल मजिस्ट्रेटों, सेक्टर मजिस्ट्रेटों, पीठासीन अधिकारियों एवं प्रथम मतदान अधिकारियों से बिना किसी भेदभाव के निष्पक्षता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करने की अपेक्षा की है। केशवदेव मालवीय इंस्टीट्यूट ओएनजीसी ऑडोटोरियम में मतदान कार्मिकों के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन प्रशिक्षण कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि निर्वाचन का कार्य सभी के लिए राष्ट्रीय पर्व जैसा कार्यक्रम है, जिसके सफल आयोजन में सभी को योगदान देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन को निष्पक्ष और सफलतापूर्वक निपटाना एक संवैधानिक जिम्मेदारी है।
मंडलायुक्त ने कहा कि चुनाव प्रशिक्षण कार्य में अधिकारियों की शतप्रतिशत उपस्थिति गढ़वाल मंडल में हो रही है, जबकि अधिकतर जनपदों में बर्फवारी हो रही है। उन्होंने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी के सभी सहयोगी हैं, निर्वाचन के संबंध में किसी भी बिंदु पर जिला निर्वाचन अधिकारी का मैं भी सहयोगी हूं। उन्होंने जोनल मजिस्ट्रेट एवं सेक्टर मजिस्ट्रेटों से कहा कि जोनल मजिस्ट्रेट का पदभार बहुत जिम्मेदारी का है, निर्वाचन आयोग ने उनपर गुरुत्तोतर जिम्मेदारी सौंपी है, आयोग की उनसे बहुत अपेक्षाएं हैं, जोन में उनके साथ कई पीठासीन अधिकारी हैं, इसलिए जन-सामान्य की किसी भी रूप में सहायता करनी है।
उन्होंने निर्वाचन के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स अधिकारियों को देते हुए कहा कि प्रशिक्षण के दौरान वे अधिकारियों से प्रश्न पूछकर अपनी शंकाओं का समाधान इसी प्रशिक्षण हॉल में करें, सभी जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने-अपने क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के साथ सड़क मार्ग की संपूर्ण जानकारी अपने विजन में रखें। उन्होंने सभी जोनल एवं सेक्टर मजिस्ट्रेटों को अपने-अपने जोन के विजिट करने के साथ-साथ मतदान बूथों पर विकलांग लोगों के लिए रैंप की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने को कहा।
उन्होंने प्रशिक्षण में आए अधिकारियों से कहा कि वे अपने को पूर्ण रूप से निर्वाचन के लिए समर्पित करें। निर्वाचन की सामग्री वितरण के समय भी जोनल मजिस्ट्रेट अपने-अपने पीठासीन अधिकारियों के संपर्क में रहते हुए दी जा रही सामग्री की जांच कर लें। किसी भी पार्टी के पास निर्वाचन की आवश्यक सामग्री की कमी न हो। इसके साथ ही अपने जोन में पड़ने वाले पीठासीन अधिकारियों से निरंतर पहचान एवं वार्तालाप करते रहें।
उन्होंने अधिकारियों से यह भी अपेक्षा की है कि मतदान के दिन जो भी सूचनाएं निर्वाचन कार्यालय को दी जाती हैं, वे पुख्ता हों। उन्होंने जोनल मजिस्ट्रेटों से अपेक्षा की कि वे रात्रि विश्राम अपने जोन में ही करें, कानून व्यवस्था का परिपालन मतदान के दिन मुस्तैदी से करते हुए आदर्श चुनाव आचार संहिता पर भी ध्यान दें। मतदान बूथ से 200 मीटर की दूरी की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कानूनों का सख्ती से पालन करने के निर्देश भी उन्होंने दिए।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिलाधिकारी दिलीप जावलकर ने प्रशिक्षण के दौरान पीठासीन अधिकारियों एवं प्रथम पोलिंग अफसरों से कहा कि मतदान के समय विकलांगों, वृद्ध, असहाय, बीमार एवं महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जाए तथा उनके लिए अलग से पंक्ति की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कार्मिकों से पूरी मतदान प्रक्रिया को बारीकी से समझने के निर्देश देते हुए कहा कि मतदान के बाद वोटिंग मशीन जमा करने के लिए भी मंडी परिसर निरंजनपुर में निर्धारित व्यवस्था का पालन करें, जिसके लिए सभी पोलिंग पार्टियों को टोकन नंबर दिए जाएंगे, उसी के आधार पर वे जमा होंगी ताकि उस समय कोई अफरातफरी न हो तथा इत्मीनान से वोटिंग मशीन सभी प्रपत्रों के साथ जमा हो सकें। इस शिविर में 29 जोनल मजिस्ट्रेटों, 136 सेक्टर मजिस्ट्रेटों, 300 पीठासीन एवं प्रथम मतदान अधिकारी को प्रशिक्षण दिया गया।
जिला पंचायत राज अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा खान एवं अरविन्द मिश्रा ने पीठासीन अधिकारियों एवं प्रथम पोलिंग अधिकारियों को इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के संचालन एवं उसकी बारीकियों की जानकारी विस्तार पूर्वक दी। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन विनोद कुमार सुमन, जिला शिक्षा अधिकारी गीता नौटियाल, जिला पूर्ति अधिकारी एमएस बिसेन मौजूद थे।