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नई दिल्ली। केंद्र सरकार की, आनन-फानन में ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण में 4.5 प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण की घोषणा, भारत के संविधान की हत्या एवं बहुसंख्यक हिंदुओं के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डॉ प्रवीण तोगड़िया ने तात्कालिक प्रभाव से लोकतांत्रिक एवं शांतिपूर्ण ‘हिंदू रोटी एवं शिक्षा बचाओ आंदोलन’ की घोषणा की है। तोगड़िया ने कहा है कि देश के सभी हिंदुओं को जाति, विरादरी, भाषा, प्रांत से ऊपर उठकर इस षडयंत्र के विरूद्ध एक होकर लोकतांत्रिक संघर्ष के लिए तैयार रहना चाहिए, यदि उन्होंने यह नहीं किया तो हिंदू और भारत का लोकतंत्र समाप्त हो जायेगा।
उन्होंने कहा है कि जो मुसलमान, परिवार नियोजन का पालन नहीं करते हैं, उनके सामने सरकार ने मुस्लिम वोट बैंक के कारण घुटने टेक दिये हैं। देश में 27 प्रतिशत ओबीसी के आरक्षण से 4.5 प्रतिशत मुसलमानों को आरक्षण देकर सरकार ने गरीब और जिनको जरूरत थी, से ओबीसी की शिक्षा, नौकरी, बैंक लोन और अन्य सुविधा छीन ली है। यह बात यहां नहीं रूकेगी, अब अनुसूचित जाति के आरक्षण में से भी मुसलमान ईसाईयों को आरक्षण दिया जाएगा। अनुसूचित जनजाति का आरक्षण तो ईसाई को मिल ही रहा है, मुस्लिम वोट के लिए भारत के संविधान में संशोधन करके मजहब के आधार पर आरक्षण से ओपन मेरिट कैटेगिरी के हिंदुओं की शिक्षा और रोजगार छीन लिए जाएंगे।
उन्होंने मांग की है कि ओबीसी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और नोमेडिक ट्राइव में से कहीं पर भी मुसलमान ईसाईयों को आरक्षण दिया गया उसे तत्काल वापस लिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि संविधान में संशोधन करके मजहब के आधार पर मुस्लिम आरक्षण देकर ओपन मेरिट कैटेगिरी का अधिकार छीनने का यूपीए सरकार दुःसाहस न करे, जो कुछ और कथित मुस्लिम जातियां ओबीसी सूची में सम्मिलित होकर आरक्षण का लाभ ले रही हैं, उनको भी तत्काल ओबीसी सूची से हटाया जाए। प्रधानमंत्री, कानून मंत्री, कुछ राज्य सरकार एवं मुसलमानों के अपर्याप्त आकड़ों के आधार पर मुसलमान और ईसाई गरीब हैं इसलिए उनको विशेष सुविधा आरक्षण देने का सुझाव देने वाले जस्टिस राजेंद्र सच्चर कमेटी एवं जस्टिस रंगनाथ मिश्र कमीशन की रिपोर्ट को अस्वीकार किया जाए।
तोगड़िया ने कहा है कि विश्व हिंदू परिषद किसी भी कीमत पर अनुसूचित जाति का आरक्षण, ईसाई को नहीं देने देगी। विश्व हिंदू परिषद हिंदू रोटी और शिक्षा बचाओ आंदोलन की घोषणा करती है और जब तक यह असंवैधानिक एवं हिंदू समाज और लोकतंत्र का हनन करने वाला निर्णय सरकार वापस लेकर जनता से माफी नहीं मांगती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत के संविधान के विरूद्ध मजहब के आधार पर आरक्षण की मांग करने वाले या लेने वाले मुसलमान और ईसाई और उनको समर्थन देने वाले राजनैतिक दलों को आने वाले चुनाव में लोकतांत्रिक प्रतिकार के लिए तैयार रहना होगा, जो राजनैतिक दल असंवैधानिक कार्य कर रहे हैं, उन पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करके दंड दिया जाए।