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नई दिल्ली। लंदन ओलंपिक 2012 की तैयारी के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली (ओपेक्स 2012) योजना के तहत चौदह तीरंदाजों के प्रशिक्षण पर अब तक 2.77 करोड़ रुपए का व्यय किया जा चुका है। सात प्रशिक्षक, सहायक स्टाफ इन तीरंदाजों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। तीरंदाजी के अभ्यास के लिए अब तक 305 दिन शिविरों का आयोजन किया गया, जिसमें विदेशी दौरे के 50 दिन भी शामिल हैं। विदेशी दौरों पर लगभग 1.74 करोड़ रुपए की राशि का व्यय हुआ है। प्रशिक्षण की शुरुआत 64 तीरंदाजों से हुई (32 महिलाएं और 32 पुरुष) किंतु सूची को पहले 32 (16 पुरुष और 16 महिलाएं) और फिर 14 (8 पुरुष और 8 महिलाएं) तीरंदाजों तक सीमित किया गया। उत्कृष्ट तीरंदाजों की पहचान के लिए ऐसा किया गया। केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अजय माकन ने ओलंपिक-2012 की तैयारी पर बुलाई समीक्षा बैठक में भारतीय तीरंदाजी महासंघ के महासचिव परेश मुखर्जी ने उन्हें यह जानकारी दी।
परेश मुखर्जी ने निशानेबाजी के वीडियो विश्लेषण, संपूर्ण सहायक सामग्रियों सहित व्यक्तिगत ज़रुरतों के आधार पर धनुष, टंजस्टन धातु के नोंक वाले तीर जैसे कुछ अतिरिक्त उपकरणों और यंत्रों के प्रावधानों का निवेदन किया। खेल मंत्री ने उन्हें सभी उपकरणों और यंत्रों की सूची सहित खिलाड़ियों के विदेशी प्रशिक्षण, यदि कोई हो तो उसकी जानकारी 30 जनवरी 2012 तक सौंपने को कहा ताकि जल्द से जल्द ज़रुरी मंजूरी प्रदान की जा सके। बैठक में भारतीय तीरंदाजी महासंघ के महासचिव ने खेल मंत्री को लंदन ओलंपिक में प्रवेश के लिए आगामी आयोजनों की भी जानकारी दी।
लंदन में होने वाले ओलंपिक 2012 में अब तक चार तीरंदाज (3 महिलाएं और एक पुरुष) अपना स्थान बना चुके हैं। तीन सदस्यीय टीम रिकर्व वर्ग में दीपिका कुमारी, चेकरोवोलु स्वुरु और बोंबावाला देवी का चयन किया गया है और व्यक्तिगत रिकर्व वर्ग में जयंत तालुकदार ने अपनी जगह पक्की की है। मुखर्जी ने कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि भारतीय तीरंदाज किसी देश द्वारा हासिल किए जा सकने वाले संभावित सर्वाधिक स्थानों को प्राप्त करेंगे।
भारत के चार तीरंदाजों-डोला बैनर्जी, वी परनिता, एल बोंबायला देवी और मंगल सिंह चंपिया ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में हिस्सेदारी की थी। डोला बैनर्जी, वी परनिता, एल बोंबायला देवी का स्थान क्रमशः 22वां, 31वां और 37वां रहा। इन तीन खिलाड़ियों की महिला टीम ने टीम वर्ग में सातवां स्थान प्राप्त किया था। रैंकिंग दौर में मंगल सिंह चंपिया ने दूसरा स्थान प्राप्त किया था, किंतु व्यक्तिगत वर्ग के दूसरे दौर में वे प्रतियोगिता से बाहर हो गए।