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एनआरएचएम घोटाले के आरोपी ने जान दी

एनआरएचएम घोटाले के आरोपी ने जान दी

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लखनऊ। एनआरएचएम घोटाला अब श्रृंखलाबद्ध जान भी ले रहा है। अक्‍टूबर 2010 में सीएमओ डॉ विनोद आर्य की हत्या हुई, उसके बाद अप्रैल 2011 में सीएमओ बीपी सिंह की हत्‍या और जून 2011 में डिप्‍टी सीएमओ वाईएस सचान की जेल में खुदकुशी या हत्या की घटना के बाद यूपी जल निगम के कंस्‍ट्रक्‍शन एंड डिजाइन में प्रोजेक्‍टर मैनेजर सुनील वर्मा ने सोमवार को खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इस प्रकार इस घोटाले में अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है। इसी घोटाले से जुड़ा एक ठेकेदार नमित टंडन भी आत्महत्या की कोशिश कर चुका है। पुलिस ने पुष्टि की है कि सुनील वर्मा ने आत्हत्या की है।
सीबीआई एनआरएचएम घोटाले की गहराई से जांच कर रही है और इसमें कई बड़ी हस्तियां बेनकाब होती जा रही हैं। इस मामले में दर्ज पहली एफआईआर में जल निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर सुनील वर्मा को भी नामजद किया गया था। चार जनवरी को लखनऊ में सुनील वर्मा के घर पर सीबीआई का छापा भी पड़ा था और उस समय सीबीआई ने उनसे विस्तार से पूछताछ भी की थी। पुलिस के अनुसार सुनील वर्मा ने सोमवार की सुबह, लखनऊ में विकास नगर स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मारी, गंभीर रूप से घायल सुनील वर्मा की अस्‍पताल ले जाते समय मौत हो गई।
पुलिस ने आंशका जाहिर की है कि हो सकता है कि सुनील वर्मा ने गिरफ्तारी के डर से आत्महत्या करने का कदम उठाया हो। सुनील वर्मा के परिजनों का कहना है कि वह सीबीआई की पूछताछ की कार्रवाई के बाद से तनाव में चल रहे थे। यह भी कहा जा रहा है कि उन पर इस घोटाले में फंसे कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का नाम न लेने का दबाव था क्योंकि वह एनआरएचएम योजना के तहत कंस्‍ट्रक्‍शन से जुड़े सभी कार्यों की निगरानी रखते थे। हत्याओं और आत्महत्याओं के इस घटनाक्रम से सीबीआई की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि वह जिन लोगों पर हाथ डाल रही है उनके तार बड़ों से जुड़े पाए जा रहे हैं।
जिन लोगों से पूछताछ हो रही है वे किसी न किसी के दिशा निर्देशन में ही बड़ी हेरा-फेरी में लिप्त पाए गए हैं, इसलिए यह आशंका अभी भी कायम है कि इस मामले से बचने के लिए कुछ और भी इस प्रकार की घटनाएं घट सकती हैं। इस समय उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव चल रहा है, जिस कारण कुछ पूछताछ के मामले धीमे चल रहे हैं। इस घोटाले में राज्य के प्रमुख नौकरशाह प्रदीप शुक्ला से गहन पूछताछ चल ही रही है। सीबीआई को महत्वपूर्ण सुराग मिल रहे हैं, सुनील वर्मा भी घोटाले की महत्वपूर्ण कड़ी है जिसने आत्महत्या का कदम उठाकर मामले को और पेंचीदा बना दिया है। कैग की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने के सीबीआई के कदम से और ज्यादा लोग मुश्किल में आएंगे-ऐसा प्रतीत होता है।

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