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बच्चों को पीएम से वीरता पुरस्कार और शाबाशी

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प्रधानमंत्री के साथ बहादुर बच्चे/prime minister with the brave children

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को नई दिल्ली में वर्ष 2011 के राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार बहादुर बच्चों को प्रदान किए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का प्रधानमंत्री होने के नाते मुझे बहुत से कार्यक्रमों में हिस्सा लेना पड़ता है, लेकिन भारतीय बाल कल्याण परिषद और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सालाना कार्यक्रम अन्य कार्यक्रमों से बिल्कुल अलग हैं और मेरे लिए इसकी एक खास अहमियत है। उन्होंने कहा कि बच्चों के बीच आने पर मुझे हमेशा खुशी और ताज़गी का अनुभव होता है और अगर मौका बच्चों को उनकी बहादुरी के लिए पुरस्कार देने का हो, तो यह खुशी और भी बढ़ जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन प्यारे बच्चों को यह पुरस्कार मिला है, उनको मैं एक बड़ी सी शाबाशी देना चाहूंगा, आप सबकी बहादुरी के कारनामे सुनकर आश्चर्य होता है, आपने इतनी कम उम्र में इतने बड़े काम करके हम सबका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है, मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि आप आगे भी इसी तरह के बड़े-बड़े काम करते रहें।
मनमोहन सिंह ने बच्चों के बीच कहा कि इस शुभ अवसर पर पिछले साल की तरह एक दुःख भरी याद भी आज हमारे साथ है, पांच साहसी बच्चे आज हमारे साथ नहीं हैं, मास्टर कपिल सिंह नेगी, मास्टर आदित्य गोपाल, कुमारी सौधिता बर्मन, कुमारी लवली वर्मा और मास्टर सी लालदुहावमा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन्होंने दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी, इन बच्चों की बहादुरी की मिसाल हमेशा हम सबको प्रेरणा देती रहेगी, मैं इन पांच बहादुर बच्चों को सलाम करता हूं और दिल से उनको श्रद्धांजलि देता हूं। उन्होंने कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं, इसलिए यह हम सबका पहला फर्ज बनता है कि हम यह सुनिश्चित करें कि देश का हर बच्चा स्वस्थ रहे, उसे अच्छी से अच्छी शिक्षा प्राप्त हो और उसका बचपन खुशियों से भरा हुआ हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दिशा में हमारी सरकार हरेक संभव प्रयास करेगी, पर इस काम में हमारे देश के हर नागरिक के सहयोग की भी ज़रुरत है, हमें भारतीय बाल कल्याण परिषद जैसी अन्य संस्थाओं की ज़रुरत है, जो बच्चों की भलाई के लिए अथक काम करें, मैं परिषद को उसके कामों के लिए और विशेष रूप से 1958 से हर साल साहसी बच्चों को पुरस्कार देने के लिए बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की भी खुशी है कि इस साल बहादुर बच्चों के लिए पुरस्कार की राशि में कई गुना बढ़ोत्तरी की गई है। उन्होंने वीरता पुरस्कार प्राप्त बच्चों के साथ काफी समय बिताया।

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