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पी ताव। भारत और म्यांमार के बीच 17वीं राष्ट्र स्तरीय बैठक पिछले सप्ताह म्यांमार के शहर ने पी ताव में संपंन हुई। भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व गृह सचिव आरके सिंह ने और म्यांमार के शिष्टमंडल का नेतृत्व म्यांमार संघीय गणराज्य की सरकार में केंद्रीय उप गृह मंत्री ब्रिगेडियर जनरल कियाव जन मिंट ने किया। भारत और म्यांमार के बीच परंपरागत घनिष्ठ संबंधों की याद दिलाते हुए दोनों शिष्टमंडलों के नेताओं ने आर्थिक और विकास संबंधी क्षेत्रों के बीच सहयोग को और सुदृढ़ करने, दोनों देशों के लोगों के बीच घनिष्ठ संबंधों और सीमा पर शांति बनाये रखने के प्रति वचनबद्धता व्यक्त की।
शिष्टमंडल स्तरीय बैठक में भारत के गृह सचिव ने भारत की चिंता के मुख्य क्षेत्रों की समीक्षा की और आशा व्यक्त की कि दोनों देशों के बीच विश्वास और मैत्री की भावना के आलोक में विचार किए जा सकते हैं। दोनों पक्षों ने भारत-म्यांमार सीमा के साथ भारतीय विद्रोही समूहों (आईआईजी) की उपस्थिति जैसे मामलों से संबंधी सुरक्षा पर विस्तार से विचार किया। उन्होंने सतर्कता संबंधी सूचना और हथियारों की तस्करी जैसे मामलों पर भी चर्चा की। भारतीय शिष्टमंडल के नेता ने म्यांमार में आईआईजी शिविरों और प्रशिक्षण सुविधाओं का उल्लेख किया और आईआईजी की गतिविधियों से निपटने में म्यांमार से सहयोग करने को कहा।
गृह सचिव आरके सिंह ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि भारतीय विद्रोही समूह मणिपुर में 2012 में होने वाले चुनावों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पैदा करने की योजना बना रहे हैं। म्यांमार शिष्टमंडल के नेता ने आश्वासन दिया कि म्यांमार, विद्रोहियों को भारत में आक्रामक गतिविधियां चलाने के लिए अपनी भूमि का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा। दोनों पक्ष वास्तविक सतर्कता संबंधी सूचना के आदान-प्रदान के लिए दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बल के कमांडिंग अधिकारियों के बीच निकट संबंध बनाये रखने पर सहमत हुए। दोनों पक्षों ने हथियारों की तस्करी, मादक पदार्थों के अवैध व्यापार और वन्य जीवों के अंगों की तस्करी को रोकने के उपायों पर विचार करने के लिए आयोजित सीमा संपर्क कार्यालयों की बैठक में संतोष व्यक्त किया और यह निर्णय लिया गया कि सीमा संपर्क कार्यालयों की बैठकें जल्दी-जल्दी की जाएंगी। भारत के शहर उखरुल और म्यांमार के शहर सोमरा में नया सीमा संपर्क कार्यालय स्थापित करने पर भी सहमति हुई।
भारतीय नेता ने सीमा पर कमांडिंग अधिकारी के स्तर पर बातचीत और अतिरिक्त सीमा संपर्क कार्यालय के लिए आवश्यक संचार सुविधाएं उपलब्ध कराने पर भी सहमति व्यक्त की। भारत में अवैध रूप से लाए गए हथियारों को प्राप्त करने वालों का पता लगाने के लिए भारतीय शिष्टमंडल के नेता ने म्यांमार से अनुरोध किया कि म्यांमार सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार किए हथियारों के तस्करों से पूछताछ के दौरान प्राप्त जानकारी भारत को मुहैया कराए। म्यांमार शिष्टमंडल के नेता ने भारत को इस प्रकार की जानकारी देने पर सहमति व्यक्त की। दोनों पक्षों ने मादक पदार्थों की तस्करी में कमी पर संतोष व्यक्त किया और इसे पूर्णत: समाप्त करने के लिए डीजी और डीडीजी स्तर पर दोनों देशों की मादक पदार्थ नियंत्रण एजेंसियों के बीच नियमित रूप से संपर्क स्थापित करने पर रजामंद हुए।
भारत ने मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए म्यांमार को प्रशिक्षण और अन्य सहायता देने की भी पेशकश की। उन्होंने वन्य जीवों के अवैध व्यापार, पर्यटन सहयोग, भारत में म्यांमार के सुरक्षा बलों के प्रशिक्षण और भारतीय जेलों में म्यांमार के मछुआरों और म्यांमार में भारतीय कैदियों की वापसी संबंधी मामलों पर भी विचार किया। भारत ने म्यांमार को बेहतर संपर्क और संपूर्ण विकास में हर संभव सहायता देने की भी पेशकश की। भारतीय शिष्टमंडल ने म्यांमार के गृह मंत्री और वहां के प्रथम उप राष्ट्रपति से भी भेंट की।