स्वतंत्र आवाज़
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भारत में मतदान दुनिया के लिए ऐतिहासिक घटना

पच्चीस जनवरी को राष्‍ट्रीय मतदाता दि‍वस

1.11 करोड़ 18-19 वर्ष आयु समूह के मतदाता

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नई दिल्ली। द्वि‍तीय राष्‍ट्रीय मतदाता दि‍वस 25 जनवरी बुधवार को है। भारत के नि‍र्वाचन आयोग के स्‍थापना दि‍वस को मनाने और लोकतांत्रि‍क प्रक्रि‍या में मतदाताओं, वि‍शेष रूप से युवा वर्ग की भागीदारी बढ़ाने के लि‍ए पि‍छले साल यह परंपरा शुरू की गई थी। पूर्व राष्‍ट्रपति‍ डॉ एपीजे अब्‍दुल कलाम द्वि‍तीय राष्‍ट्रीय मतदाता समारोह की अध्‍यक्षता करेंगे और दि‍ल्‍ली के नए एवं पंजीकृत 20 मतदाताओं को सचि‍त्र मतदाता पहचान पत्र प्रदान करेंगे। ये मतदाता समाज के वि‍भि‍न्‍न वर्गों से लि‍ए गए हैं और उन्‍हें एक बैज भी दि‍या जाएगा, जि‍स पर अंकि‍त होगा मतदाता होने का गर्व–मतदान के लि‍ए तैयार। इस अवसर पर उपस्‍थि‍त सभी लोगों को राष्‍ट्रीय मतदाता दि‍वस की शपथ दि‍लाई जाएगी। डॉ कलाम जि‍ला नि‍र्वाचन अधि‍कारि‍यों (डीईओ) पुलि‍स अधीक्षकों (एसपी) को सर्वोत्तम नि‍र्वाचन प्रक्रि‍या अपनाने के लि‍ए राष्‍ट्रीय पुरस्‍कारों से और डीईओ, एसपी के अलावा अन्‍य अधि‍कारि‍यों को सर्वोत्तम नि‍र्वाचन प्रक्रि‍या अपनाने में असाधारण कार्य करने के लि‍ए वि‍शेष पुरस्‍कार से सम्‍मानि‍त करेंगे।
राष्‍ट्रीय मतदाता दि‍वस के पीछे नि‍र्वाचन आयोग का उद्देश्‍य अधि‍क मतदाता, वि‍शेष रूप से नए मतदाता बनाना है। इसके लि‍ए इस अवसर को सार्वभौम वयस्‍क मतदान को पूर्ण वास्‍तवि‍कता बनाना और इस प्रकार भारतीय लोकतंत्र की गुणवत्ता को बढ़ाना है। यह दि‍वस मतदाताओं में मतदान प्रक्रि‍या में कारगर भागीदारी के बारे में जानकारी फैलाने के रूप में भी प्रयोग कि‍या जाएगा। भारत में मतदान आधारि‍त लोकतंत्र के लि‍ए 25 जनवरी पहले से ही एक ऐति‍हासि‍क अवसर है। मतदाताओं के पंजीकरण संबंधी खबरों के अनुसार देशभर में लगभग 3.83 करोड़ नए पंजीकरण कि‍ए गए हैं। इनमें से 1.11 करोड़ मतदाता 18-19 वर्ष आयु समूह के हैं, जो पहली जनवरी 2012 को बनाये गए। यह मतदाता योग्‍यता की ति‍थि ‍है। पि‍छले वर्ष 52 लाख युवा मतदाता बनाए गए थे, जि‍न्‍होंने 18 वर्ष की आयु प्राप्‍त कर ली थी। यह वि‍श्‍व में कि‍सी स्‍थान पर एक दि‍न में युवाओं के सबसे बड़े सशक्‍तीकरण को लक्षि‍त करता है। इस वर्ष यह संख्‍या दुगने से भी अधि‍क बढ़ गई है।
पिछले 60 वर्षों के दौरान नि‍र्वाचन आयोग ने लोकसभा के लि‍ए 15 आम चुनाव और राज्‍यों की वि‍धान सभाओं के लि‍ए 331 आम चुनाव आयोजि‍त कि‍ए हैं। आयोग की यात्रा के दौरान उसके कार्य की गुणवत्ता और स्‍तर में भी परि‍वर्तन सबको नजर आया है। सन् 1962 में जहां मतदान की प्रक्रि‍या पर्ची डालने की प्रणाली थी, वहां 2004 से मतदान की इलैक्‍ट्रॉनि‍क मशीनों पर आधारि‍त वर्तमान प्रणाली शुरू की गई। बहु-सदस्‍यीय नि‍र्वाचन क्षेत्रों का स्‍थान एकल सदस्‍यीय नि‍र्वाचन ने ले लि‍या है। छपी हुई मतदाता सूचि‍यों का स्‍थान अब कम्‍प्‍यूट्रीकृत फोटो-मतदाता सूचि‍यों ने ले लि‍या है। मतदाताओं का सचि‍त्र पहचान पत्र अब सभी नागरि‍कों को प्राप्‍त हो गया है। यह 2009 के आम चुनावों के समय 582 मि‍लि‍यन से अधि‍क मतदाताओं को जारी कि‍ए गए थे। अप्रैल-मई 2009 में कराए गए 15वीं लोकसभा के चुनाव, वि‍श्‍व में चुनाव प्रबंधन की सबसे बड़ी घटना बताई गई है। इसमें 714 मि‍लि‍यन मतदाता, 8 लाख 35 हजार मतदान केंद्र, 12 लाख मतदान की इलेक्‍ट्रोनि‍क मशीनों और 11 मि‍लि‍यन मतदान कर्मचारि‍यों ने भाग लि‍या।
राष्‍ट्रीय मतदाता दि‍वस के लक्ष्‍यों को ध्‍यान में रखते हुए नए योग्‍य मतदाताओं तक पहुंचने और पहली जनवरी 2012 को कि‍ए गए मतदाताओं की संशोधि‍त सूचि‍यों में उन्‍हें पंजीकृत करने के लि‍ए देशभर में एक वि‍शेष अभि‍यान चलाया गया है। सभी राज्‍यों और संघ शासि‍त प्रदेशों के मुख्‍य नि‍र्वाचन अधि‍कारि‍यों को आयोग ने नि‍र्देश दि‍ए हैं कि ‍18 वर्ष की आयु प्राप्‍त करने वाले प्रत्‍येक युवा को मतदाता बनाया जाए। आयोग ने इस वर्ष इस बात पर जोर दि‍या है कि अधि‍काधि‍क‍ महि‍लाओं को मतदाता बनाने के लि‍ए वि‍शेष अभि‍यान शुरू कि‍ए जाएं। राष्‍ट्रीय मतदाता दि‍वस के दृष्टिगत, नि‍र्वाचन आयोग समूचे देश में शि‍क्षि‍त मतदाताओं वि‍शेष रूप से युवाओं और महि‍लाओं को आकर्षि‍त करने के लि‍ए व्‍यापक और सुव्‍यवस्‍थि‍त मतदाता शि‍क्षा और मतदान भागीदारी अभि‍यान चलाता रहा है। प्रति‍ष्‍ठि‍त एवं विशिष्ट हस्‍ति‍यों यथा डॉ एपीजे अब्‍दुल कलाम, महेंद्र सिह धोनी के संदेश रि‍कॉर्ड कि‍ए गए है, जि‍नमें मतदाताओ को पंजीकरण कराने को कहा गया है। नि‍स्‍संदेह आयोग का संदेश उच्‍च और स्‍पष्‍ट है और यह तब तक वि‍श्राम नहीं करेगा, जब तक प्रत्‍येक योग्‍य मतदाता स्‍वेच्‍छा से मतदान करने न लग जाए।

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