स्वतंत्र आवाज़
word map

निर्यातकों को अमरीकी डॉलर का मुनाफा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

ज्योतिरादित्य सिंधिया/jyotiraditya scindia

दवोस। वाणिज्‍य और उद्योग राज्‍य मंत्री ज्‍योतिरादित्‍य एम सिधिंया ने दवोस में 26 जनवरी को विश्‍व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में दो पैनल चर्चाओं की अध्‍यक्षता की और कहा कि विनिर्माण क्षेत्र कैसे विकास और रोज़गार पैदा कर सकता है। उन्‍होंने समान और समावेशी विकास पर आधारित भारत की एक अद्भुत विकास मॉडल की बात कही। राष्‍ट्रीय कौशल विकास मिशन, राष्‍ट्रीय विनिर्माण नीति, डीएमआईडीसी आदि जैसी भारत सरकार की पहल का उदाहरण देते हुए उन्‍होंने कहा कि भारत को केवल अपनी ज़रूरतों के लिए ही कुशल योग्‍यताएं तैयार नहीं करनी चाहिएं, बल्कि वैश्विक स्‍तर पर भी मानव संसाधन उपलब्‍ध कराना चाहिए। उद्योगों के व्‍यापार प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए वाणिज्‍य मंत्रालय द्वारा लेन-देन की लागत को कम करने के लिए एक मज़बूत पहल की गई है, इसके परिणामस्‍वरूप निर्यातकों के लिए लेन-देन की कीमत कम हुई है और उन्हें लगभग 450 मिलियन डॉलर का मुनाफा हुआ है। अपनी उदारीकरण की नीति की वजह से भारत विदेशी व्‍यापार निवेश के लिए सबसे आकर्षित बाज़ार बन गया है।
विश्‍व आर्थिक मंच में दक्षिण एशिया के भविष्‍य पर दूसरे पैनल चर्चा की अध्‍यक्षता करते हुए में सिधिंया ने कहा कि आर्थि‍क विकास और राजनीतिक स्थिरता एक दूसरे से जुड़े हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत में उदारीकरण, निरंतर और समावेशी विकास के साथ मज़बूती से जुड़ा है तथा व्‍यवसाय और विनियमन माहौल को अधिक पारिदर्शिता और कार्यकुशलता की ओर बढ़ने में मदद की है। सिधिंया ने कहा कि गरीबों को समर्थ बनाने तथा शहरी और ग्रामीण लोगों को बेहतर बुनियादी ढांचा उपलब्‍ध कराने में भारत सरकार ने भारत निर्माण, नरेगा, जेएनयूआरएम जैसे महत्‍वाकांक्षी कार्यक्रमों की शुरूआत की है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]