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लखनऊ। भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव सुधींद्र कुलकर्णी ने कांग्रेस पार्टी ने दृष्टि पत्र को दृष्टिहीन पत्र बताया है और कहा है कि कांग्रेस ने यह साबित किया है कि वह यूपीवासियों के समर्थन मांगने लायक नही है।
कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को बहुत तामझाम से उत्तर प्रदेश के लिये अपना वीजन डाक्यूमेंट 2020 का विमोचन किया, परन्तु इसे पढ़ने से सुस्पष्ट होता है कि यह एक दृष्टिहीन पत्र है न की दृष्टि पत्र (विजन डाक्यूमेंट)। भारतीय जनता पार्टी के दृष्टि पत्र तथा घोषणा पत्र के साथ तुलना करने पर कांग्रेस पार्टी की दृष्टिहीनता और भी साफ हो जाती है।
जिस पार्टी की दृष्टि मे ही इतनी दरिद्रता है, वह उत्तर प्रदेश की बदहाल स्थिति को बदल नहीं सकती है। यह निम्न बिन्दुओं से स्पष्ट होता है-
प्रदेश में बिजली का संकट-कांग्रेस पार्टी ने वादा किया है कि वह 2020 तक प्रदेश में सबको 8 घंटे बिजली की आपूर्ति करेगी। दिन में 8 घंटों तक किसानों के लिये और रात में घरों के लिये बिजली। इसका मतलब है कि कांग्रेस के शासन में प्रदेश के किसानों, मजदूरों, कारीगरों एवं विद्यार्थियों को 24 घंटे बिजली के लिये 2050 तक राह देखनी पड़ेगी, जबकि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया है कि वह 5 वर्षों में प्रदेश के प्रत्येक घर, प्रत्येक खेत, प्रत्येक फैक्ट्री, प्रत्येक कुटीर उद्योग को 24 घंटा बिजली आपूर्ति करेगी। यानि सबको बिजली, सस्ती बिजली, 24 घंटे बिजली। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात की भाजपा सरकार ने यह कर दिखाया है। गुजरात के ‘ज्योतिग्राम योजना’ की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना हुई है।
कुलकर्णी ने कहा कि कांग्रेस के दस्तावेज में इस बात को कोई भी उल्लेख नहीं है कि वह 2020 तक 8 घंटे बिजली आपूर्ति के लिये विद्युत उत्पादन को कैसे बढ़ायेगी, जबकि भाजपा अपने घोषणा पत्र में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिये क्या-क्या करेंगे इसके ठोस कदम बताये हैं। उदाहरणार्थ, प्रदेश में 10 अल्ट्रा मेगा पॉवर प्लांट में 20,000 हजार मेगावॉट अतिरिक्त बिजली का निर्माण किया जाएगा। प्रदेश के गन्ना मिलो में को-जनरेशन से 6000 मेगावाट बिजली पैदा की जा सकती है। इसके लिये गन्ना किसानों की उत्पादकता को विश्व स्तरीय बनाया जायेगा। विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा निर्माण के लिये भारी प्रोत्साहन दिया जायेगा। प्रदेश के थर्मल पॉवर प्लांट्स में लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) केवल 45 प्रतिशत है। इसे हम कम से कम 80 प्रतिशत तक बढ़ायेंगे। लाईन लॉस को रोकने के लिये प्रभावी कदम उठायेंगे।
कांग्रेस ने नई हरित क्रान्ति लाने का वादा किया है, जबकि भाजपा राहुल गांधी से यह जानना चाहती है कि 8 घंटे बिजली से वह किस प्रकार की नई हरित क्रांति ला पाएंगे। कांग्रेस ने यह भी वादा किया है कि यूपी के विकास दर को 9 से 10 प्रतिशत बढ़ायेंगे रोजगार पैदा करेंगे, क्या 8 घंटे बिजली आपूर्ति से 9 से 10 प्रतिशत विकास दर सम्भव है? इस प्रश्न का भी उत्तर राहुल गांधी ही दें। इसी प्रकार कांग्रेस ने कहा है कि अगले 8 वर्षों में वह प्रदेश में 20 लाख नये रोजगार के अवसर निर्माण करेगी, जबकि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ रोजगार के अवसर सृजित करने का वादा किया है। यह कैसे हो सकता है इसको भी भाजपा ने चिन्हित किया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 6 प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण देने का वायदा किया है, जबकि अपने घोषणा पत्र में 1 प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण देने का संकल्प किया है। कांग्रेस के दस्तावेज में सुरक्षा का उल्लेख तक नहीं है, जबकि भाजपा के घोषणा पत्र में स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में आईएसआई, हुज़ी तथा सिमी की गतिविधियों में भयानक वृद्धि हुई है। प्रदेश इन राष्ट्रद्रोही संगठनों की शरणास्थली बन गया है। पूरी नेपाल सीमा क्षेत्र में इन संगठनों का फैलाव हुआ है। आतंकवाद, तस्करी, जाली नोट प्रसार आदि राष्ट्र विरोधी गतिविधियां जारी हैं। इन अपराधों में पकड़े गये लोगों को छुड़ाने और क्लीन चिट देने का भी काम हो रहा है। इससे राष्ट्र और राज्य दोनों की सुरक्षा खतरे में पड़ गयी है। इस खतरे के बारे में कांग्रेस चुप क्यों है?
कांग्रेस के घोषणा पत्र में नेहरू गांधी परिवार का महिमा मंडन किया गया है। कांग्रेस के दस्तावेज में यह कहा गया है कि राजीव गांधी का विज़न था कि हर एक नागरिक के हाथ में मोबाईल हो, इसे हास्यास्पद ही कहा जा सकता है। राजीव गांधी की मृत्यु 1991 में हुई, हालांकि भारत में मोबाईल सेवा का आरम्भ 15 अगस्त 1995 में हुआ।