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लखनऊ। सिविल सोसायटी नेशनल आरटीआई फोरम ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त वाईएस कुरैशी से अनुरोध किया है कि वह उत्तर प्रदेश सचिवालय के उन सभी वरिष्ठ अधिकारियों के नाम सार्वजनिक करें जिनके विषय में उन्हें जानकारी मिली है कि वे अपनी शक्ति के परे जा कर चुनाव के संबंध में अनुचित निर्देश जारी कर रहे हैं। ध्यान रहे कि चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को एक पत्र लिख कर आदेशित किया है कि उत्तर प्रदेश सचिवालय के कुछ वरिष्ठ अधिकारी चुनाव के संबंध में अपनी शक्ति के परे जा कर अनुचित निर्देश जारी कर रहे हैं, इसलिए आगे से कोई भी निर्देश, लिखित रूप में ही निर्गत किये जाएं।
फोरम की संयोजक डॉ नूतन ठाकुर ने चुनाव आयोग को पत्र लिख कर कहा है कि मात्र मौखिक आदेश नहीं मानने के निर्देश देना काफी नहीं है, ऐसे सभी लोग जिनके बारे में चुनाव आयोग को पक्की सूचना है कि वे चुनाव में गलत और मौखिक आदेश दे रहे हैं, उनके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने मांग की है कि आयोग इस संबंध में कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार को भी अग्रिम कार्रवाई करने के लिए सूचित करे।
आरटीआई फोरम के एक अन्य पत्र में वाईएस कुरैशी से अनुरोध किया है कि जब आयोग को यह महसूस हुआ कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप मिश्रा ने मूर्तियों से संबंधित पत्र भेजते समय एक सिविल सर्वेंट के रूप में नहीं, बल्कि एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में कार्य किया है तो अनूप मिश्र के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई क्यों नहीं की गयी? नूतन ठाकुर ने आयोग से अनुरोध किया है कि इस बारे में संबंधित अधिकारियों को तथ्यों से अवगत कराया जाए। नूतन ने इस पत्र की प्रतिलिपि कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय, भारत सरकार को भी प्रेषित की है।