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नई दिल्ली। केंद्रीय सर्तकता आयोग (सीवीसी) ने नवंबर 2011 में 1323 मामले निपटाए हैं और 81 अधिकारियों को कठोर दंड देने की सिफारिश की है। केंद्रीय सर्तकता आयोग को ये मामले सलाह देने के लिए भेजे गए थे, इनमें से 1149 शिकायतें आवश्यक कार्रवाई, एटीआर के लिए भेजी गई थीं, जबकि 88 शिकायतें जांच और रिपोर्ट के लिए भेजी गईं, 495 शिकायतों पर कोई कार्रवाई करना अपेक्षित नहीं था। सर्तकता आयोग ने जिन 81 अधिकारियों को बड़ा दंड दिए जाने की सिफारिश की है, उनमें सिंडिकेट बैंक तथा वैस्टर्न कोल्फील्ड लिमिटेड के 10-10, पंजाब नेशनल बैंक के 9, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 8, भारतीय रेलवे के 7, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर के 5, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के 4, यूनयिन बैंक ऑफ इंडिया, दिल्ली नगर निगम एवं केंद्रीय बोर्ड उत्पाद एवं सीमा कर के 3-3 अधिकारी शामिल हैं। शेष 19 मामले भारत सरकार एवं सार्वजनिक उपक्रमों के विभिन्न विभागों से संबंधित हैं। आयोग ने कुछ विभागों की तकनीकी जांच करने के बाद 144 करोड़ रूपए वसूलियां की हैं।