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दावोस। दावोस में 27 जनवरी 2012 को आयोजित विश्व आर्थिक मंच के 42वें सम्मेलन के अतिरिक्त भारत के वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा, ब्राजील के मंत्री एंटोनियो पैट्रीयोटा और दक्षिण अफ्रीका के रोब डेविस ने वर्तमान वैश्विक वित्तीय और आर्थिक स्थिति की समीक्षा के लिए इब्सा (भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका) व्यापार मंत्री मंच की बैठक की। अक्टूबर 2011 में प्रीटोरिया में आयोजित शासनाध्यक्षों के इब्सा वार्ता मंच के पांचवे सम्मेलन का स्मरण कराते हुए उन्होंने कहा कि इस बैठक में तीनों देशों ने वैश्विक मुद्दों पर समन्वय स्थापित करने के महत्व पर जोर दिया। बैठक के बाद इब्सा मंत्रियों ने एक घोषणा पत्र भी जारी किया।
घोषणा पत्र में मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं-मंत्रियों ने कई देशों और क्षेत्रों में कमजोर और अस्थिर आर्थिक स्थिति पर चिंता जताई जो विकासशील और निम्न आय वाले देशों के सामने आर्थिक नीति और विकास के संदर्भ में एक कठिन चुनौती है। इस संदर्भ में उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था के मजबूत, सतत और संतुलित विकास को सुनिश्चित करने के लिए अत्यधिक नीतिगत समन्वयन स्थापित करने के आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस बात का समर्थन किया कि ब्राजील, भारत और दक्षिण अफ्रीका आर्थिक स्थायित्व एवं सफल सामाजिक विकास की गति को जारी रखते हुए विकास को बढ़ावा देने के लिए अपनी ओर से प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इस दिशा में प्रयास जारी रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई।
मंत्रियों ने वर्तमान वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां जिसमें प्रतिस्पर्धात्मक अवमूल्यन एवं नियामक उपायों, जो वास्तव में संरक्षणवाद परिणामों को उजागर नहीं करते, उसमें संरक्षणवाद प्रवृति पर रोक लगाने पर बल दिया। मंत्रियों ने दोहा विकास एजेंडा (डीडीए) समझौते में जारी गतिरोध पर गहरा असंतोष जाहिर किया। विशिष्ट प्रगति और 2001 में शुरू हुए दोहा राउंड में संतुलित छूट संबंधी समझौते को देखते हुए उन्होंने दोहा राउंड के जल्द से जल्द समापन की आवश्यकता पर जोर दिया। इब्सा मंत्रियों ने दोहा विकास एजेंडे पर लगातार कार्य करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई ताकि वर्तमान प्रभावों को दूर करने के उद्देश्य से 2001 में आयोजित दोहा राउंड में बनी सहमति के आधार पर विकास के आयामों पर कार्य किया जा सके।