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नई दिल्ली। पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्री पबन सिंह घाटोवर ने सोमवार को नई दिल्ली में भारतीय पर्वतारोहण संघ में प्रायोगिक तौर पर ‘यूथ टू द ऐज (ईडीजीई)’ योजना की शुरूआत की। इस योजना का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्रों (एनईआर) के दूर-दराज क्षेत्रों में साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है। योजना के तहत युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) एवं नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) के वालेंटियर्स साहसिक कार्यक्रम में भाग लेंगे। पूर्वोत्तर क्षेत्रों के राज्यों में पर्वतारोहण, ट्रेकिंग एवं कैंपिंग, रॉक क्लाइमबिंग एवं रैपेलिंग, जीप सफारी, सांस्कृतिक पर्यटन, गांव, आवास ठहराव, सामुदायिक पर्यटन, पक्षी दर्शन, एंग्लिंग, वाटर स्किंग, व्हाइट वाटर राफटिंग, केनोइंग, कायाकिंग जैसे साहसिक गतिविधियों के लिए अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
इन संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के सहयोग से पूर्वोत्तर क्षेत्रों के दूर-दराज के क्षेत्रों में साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रयोग के तौर पर ‘यूथ टू द ऐज (ईडीजीई)’ योजना की शुरूआत की गई है। इसमें लगभग 2000 युवा (1500 पूर्वोत्तर क्षेत्र के युवा और 1500 अन्य राज्यों के युवा) शामिल होंगे। युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) एवं नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) के वालेंटियर्स के लिए प्रयोग के तौर पर तीन ट्रेकिंग ट्रायल (02 अरूणाचल प्रदेश में और एक नागालैंड में) आयोजित करने की योजना बनाई गई है। इस पायलट योजना की शुरूआत आदर्श वाक्य ‘अज्ञात अलौकिक स्थान में साहसिक कार्य’ के साथ की गई है।
पूर्वोत्तर क्षेत्रों के युवाओं में क्षमता निर्माण के तहत उन्हें राष्ट्रीय पर्वतारोहण संस्थाओं एवं अन्य साहसिक प्रशिक्षण संगठनों के जरिये प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन पाठ्यक्रमों के पूरा हो जाने पर उन्हें एस्क्वाट, गाईड के रूप में काम करने का अवसर प्राप्त होगा। इस योजना में 2 करोड़ 87 लाख रुपये की लागत आएगी। इसका वित्तीयन पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के जरिये पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय एवं इसका संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के जरिये युवा मामले एवं खेल मंत्रालय करेगा।