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नई दिल्ली। देश में 250 पिछड़े जिलों के विकास में क्षेत्रीय असंतुलन को सुधारने के लिए केंद्रीय सरकार, राज्य सरकारों को पिछड़े क्षेत्र अनुदान निधि (बीआरजीएफ) के अंतर्गत धन देती है। इसका प्रमुख लक्ष्य पंचायतों के कार्य निष्पादन, इनकी योजना, निर्णय लेने की क्षमता, इनके कार्यान्वयन तथा निगरानी को बढ़ावा देना है। बीआरजीएफ के अलावा, पंचायतों के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं अमल में लाई जा रही हैं।
राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना: पिछड़े क्षेत्र अनुदान निधि के अंतर्गत शामिल नहीं किए गए जिलों में पंचायती राज्य संस्थाओं को प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण के लिए राज्यों को धन दिया जाता है। ग्रामीण व्यवसाय हब: इस योजना का लक्ष्य ग्रामीण श्रमिकों के उत्पादन तथा बिक्री को बढ़ावा दे कर सशक्त बनाना, सार्वजनिक-निजी साझेदारी में तकनीकी सहायता देना व पंचायतों को सहायता देना, पंचायत महिला एवं युवा शक्ति अभियान: इसका लक्ष्य महिलाओं तथा युवा पंचायत लीडरों को इकटठा कर अपनी समस्याओं को सुस्पष्ट करना, ई-पंचायत: जवाबदेही तथा पारदर्शिता के लिए ग्राम पंचायतों के अन्य कार्यों, लेखों तथा ऑकड़ों का कम्प्यूटरीकरण करना, पंचायत सशक्तिकरण एवं जवाबदेही प्रोत्साहन योजना, पंचायतों की पारदर्शिता, जवाबदेही, कार्यकुशलता, निधियों की सुपुर्दगी, कार्यों और कार्मिकों की पहचान तथा उनके प्रयासों के लिए प्रोत्साहन देना शामिल है।