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नई दिल्ली। धर्माधिकारी समिति ने मंगलवार को नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। समिति को एयर इंडिया के विलय के बाद विभिन्न काडर के एकीकरण और वरिष्ठता के स्तर को निर्धारित के सिद्धांत का परीक्षण करने का काम सौंपा गया था। समिति को पूर्ववर्ती इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया के बीच वेतन एवं मजदूरी की पुनर्संरचना को तार्किक रूप देने के सिद्धांत का परीक्षण करने का दायित्व भी सौंपा गया था।
नागरिक उड्डयन मंत्री ने मई 2011 में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायधीश की अध्यक्षता में इस विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। समिति के अन्य सदस्यों में आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर रवींद्र एच ढोलकिया, सार्वजनिक उपक्रम मामलों के विशेषज्ञ राजेश्वर दयाल और सदस्य सचिव सैयद नासिर अली शामिल थे। इसे छह महीनों में अपनी सिफारिश सौंपने को कहा गया था। कंपनियों की विभिन्न यूनियनों, संघों और प्रबंधकों सहित सभी हितधारकों से परामर्श करने के बाद समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी। मंत्रालय अब रिपोर्ट की जांच करेगा और भावी कार्रवाई पर विचार करेगा। इससे दोनों एयरलाइनों के विलय के पांच वर्ष बाद भी लंबित मसलों के हल होने की आशा है।