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नई दिल्ली। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्यमंत्री श्रीकांत जैना ने राष्ट्रीय आमदनी, उपभोग परिव्यय, बचत और पूंजी निर्माण का त्वरित आंकलन जारी किया है। जैना ने कहा है कि ये विस्तृत आंकलन कृषि उत्पादन, औद्योगिक उत्पादन, सरकारी खर्चे के ताजा उपलब्ध आंकड़ों और अन्य स्रोत एजेंसियों से भी उपलब्ध विस्तृत आंकड़ों के आधार पर तैयार किये गए हैं।
वर्ष 2010-11 में स्थिर मूल्यों पर कारक लागत पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ने पिछले वर्ष की तुलना में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज है। सकल राष्ट्रीय उत्पाद ने पिछले वर्ष की तुलना में 7.9 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है। जीडीपी में वृद्धि का मुख्य स्रोत सेवा क्षेत्र रहा है, जिसमें 9.3 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है। कृषि क्षेत्र की वृद्धि भी 2010-11 में शानदार 7 प्रतिशत रही। गौण क्षेत्र जिसमें निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र शामिल हैं, का विकास 7.2 प्रतिशत रहा। आलोच्य वर्ष में बाजार लागत पर स्थिर मूल्य का जीडीपी भी 9.6 प्रतिशत बढ़ा है।
वर्ष 2010-11 में मौजूदा मूल्यों पर सकल घरेलू बचत 24.81 लाख करोड़ होने का अनुमान है। इसमें बाजार मूल्यों पर जीडीपी का 32.3 प्रतिशत भी शामिल है। औरपि इस वर्ष में बचत दर पिछले वर्ष की तुलना में कम हो गई है। इस गिरावट का मुख्य कारण घरेलू क्षेत्र की वित्तीय बचत दरों में 12.9 प्रतिशत की तुलना में 10 प्रतिशत हो जाने और निजी कारर्पोरेट क्षेत्र की 8.2 प्रतिशत की तुलना में 7.9 प्रतिशत होना है। सार्वजनिक क्षेत्र की बचत दर आलोच्य वर्ष में 0.2 प्रतिशत से बढ़कर 1.7 प्रतिशत हो गई। मौजूदा मूल्यों पर सकल घरेलू पूंजी निर्माण भी 2010-11 में 23.64 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 26.92 लाख करोड़ रुपये हो गया। मौजूदा मूल्यों पर पूंजी निर्माण की दर वर्ष 2009-10 के 36.6 प्रतिशत की तुलना में 2010-11 में 35.1 प्रतिशत रही।