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नई दिल्ली। असम के मजूली द्वीप को बाढ़ और मिट्टी के कटाव से बचाव के दूसरे और तीसरे चरण की योजना में निवेश के लिए योजना आयोग ने मंजूरी दे दी है, इस परियोजना में 2010 की कीमत स्तर से 115.99 करोड़ रूपये की लागत अनुमानित है, परियोजना को वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान पूरा किया जाना है।
जल संसाधन मंत्रालय और ब्रह्मपुत्र बोर्ड इस परियोजना के खर्चों की जिम्मेदारी उठाएगा और अतिरिक्त खर्चों की अनुमति तब तक नहीं मिलेगी जब तक संशोधित अनुमान को विधिसम्मत स्वीकृति न मिल जाए। परियोजना पर कार्य के दौरान और प्रत्येक मानसून के दौरान नियमित देखरेख का दायित्व जल संसाधन मंत्रालय, ब्रह्मपुत्र बोर्ड और संबद्ध विभागों पर होगा। विभिन्न उपकरणों का विस्तृत प्रस्ताव सक्षम अधिकारी के व्यापक सर्वेक्षण के बाद तैयार किया जाना है और इस प्रस्ताव में विशेषज्ञों की स्थाई समिति के अनुमोदन के बिना कोई भी संशोधन नहीं होगा।
नदी में कटाव जैसी समस्याओं के कारण लागत में आने वाले बड़े अंतर को तब स्वीकार किया जाएगा जब मान्य प्रक्रिया के तहत प्रस्ताव में संशोधन किया गया हो। परियोजना में 22 संरचनाओं के संरक्षण का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें निजी-सरकारी संपत्तियां, सड़कें एवं पुल शामिल हैं जो आमतौर पर बाढ़ के कारण नष्ट हो जाते हैं। असम के लोगों के लिए विरासत वैष्णवी परंपरा और संस्कृति का संरक्षण भी इसमें शामिल है। आर्थिक-सामाजिक विकास के संदर्भों में कुल आबादी की 70 प्रतिशत आदिवासी जनसंख्या इस परियोजना से लाभांवित होगी।