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मौसम की भवि‍ष्‍यवाणी आज भी चुनौती

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नई दिल्ली। भारत सरकार के भूवि‍ज्ञान मंत्रालय के मौसम वि‍भाग ने कि‍सी स्‍थल वि‍शेष के बारे में अगले 6 से 12 घंटों के मौसम के बारे में भवि‍ष्‍यवाणी से संबंधि‍त वि‍षय पर दो दि‍न की राष्‍ट्रीय गोष्‍ठी और कार्यशाला का आयोजन कि‍या। पिछले हफ्ते यह गोष्‍ठी नई दि‍ल्‍ली में हुई। इसका मुख्‍य उद्देश्‍य 24 घंटों के बारे में मौसम की भवि‍ष्‍यवाणी के वि‍कास और अनुपालन को बढ़ावा देना, और वि‍शेष रूप से मौसम संबंधी बड़े प्रभाव वाली घटनाओं की जानकारी देना था। गोष्‍ठी में मौसम की भवि‍ष्‍यवाणी से संबंधि‍त वैज्ञानि‍क उपकरणों का प्रदर्शन कि‍या गया और तकनीकों पर चर्चा की गयी।
कि‍सी वि‍शेष स्‍थल पर वर्षा के साथ आने वाले तूफान, घना कोहरा, जबरदस्‍त गर्मी या ठंड, जो थोड़ी देर के लि‍ए आती हैं, अभी भी मौसम वि‍ज्ञान के लि‍ए एक चुनौती बनी हुई हैं। कि‍सी भी मेट्रो शहर या अन्‍य क्षेत्रों में इस तरह की घटनाओं का आम आदमी के जीवन पर असर पड़ता है। इस तरह की स्‍थि‍ति‍यों के बारे में पूर्व जानकारी मि‍लने से जानमाल के नुकसान को काफी हद तक बचाया जा सकता है। भवि‍ष्‍यवाणी संबंधी परि‍योजनाओं के परि‍णामों से पता चलता है कि‍ इसके लि‍ए नि‍गरानी व्‍यवस्‍था को मजबूत बनाना होगा। बीजिंग ओलंपि‍क 2008 और राष्‍ट्रमंडल खेल 2010 के समय भी इस तरह की ‍भविष्‍यवाणि‍यां करने के प्रबंध कि‍ए गए थे।
प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन नई दिल्‍ली में पृथ्‍वी भवन के अर्णव कॉन्‍फ्रेस हॉल में डीजीएम अजीत त्‍यागी ने किया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रशिक्षुओं को नवकास्टिंग के व्‍यवहारिक पहलुओं के साथ-साथ सैद्धांतिक ज्ञान देने के लिए आयोजित किया गया था। प्रशिक्षण कार्यशाला 19 जनवरी को हुई और राष्‍ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन 30 जनवरी को नई दिल्‍ली के लोधी रोड स्थित इंडिया इस्‍लामिक कल्‍चरल सेंटर के ऑडिटोरियम में किया गया। अजीत त्‍यागी ने स्‍वागत भाषण दिया।

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