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नई दिल्ली। केंद्रीय बिजली राज्य मंत्री केसी वेणुगोपाल ने बिजली उत्पादन बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया है। वेणुगोपाल एक समारोह में भारत में बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए उत्कृष्टता केंद्र की शुरूआत कर रहे थे। यह जानकारी देते हुए कि देश में बिजली उत्पादन की औसत क्षमता का वर्तमान स्तर केवल 32.5 प्रतिशत है, वेणुगोपाल ने कहा कि बिजली चक्र क्षमता में बढ़ोतरी से न केवल उत्पादन लागत कम होगी, बल्कि ऊर्जा की बचत के साथ-साथ उत्सर्जन का स्तर भी कम होगा। उन्होंने कहा कि उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना से बिजली क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने और उच्च चक्र क्षमता हासिल करने में मदद मिलेगी।
पुराने बिजली घरों की मरम्मत और उनके आधुनिकीकरण के मुद्दे पर वेणुगोपाल ने कहा कि 19,366 मेगावाट की औसत क्षमता वाली 87 इकाइयों में कार्य 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि 34,681 मेगावाट की कुल क्षमता वाली अन्य 135 इकाइयों का कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान हाथ में लिया जाएगा। वेणुगोपाल ने कहा कि उत्कृष्टता केंद्र को दुनिया में उपलब्घ श्रेष्ठ प्रौद्योगिकी और कार्य पद्धति का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि पुराने पड़ चुके बिजली घरों की मरम्मत और उनका आधुनिकीकरण करके उनका अधिकतम इस्तेमाल किया जा सके।
वेणुगोपाल ने बताया कि बचत लैंप योजना (बीएलवाई), स्टैंडर्ड और लेबलिंग (एस और एल) तथा ऊर्जा संरक्षण निर्माण कोड जैसी योजनाओं को 11वीं योजना के दौरान शुरू करके मार्च 2011 तक 7665 मेगावाट ऊर्जा की बचत हुई और वर्तमान वर्ष के दौरान 3409 मेगावाट बचत होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा उपभोग मानकों की स्थापना और उपभोक्ताओं से इनका पालन सुनिश्चित कराने के लिए एक योजना शुरू की गई है, जिसे काम करो, अर्जित करो और कारोबार (पीएटी) नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि उन बिजली घरों को ऊर्जा बचत प्रमाण पत्र जारी किये जाएंगे, जो लक्ष्य से अधिक हासिल करेंगे और जो ऐसे बिजली घरों के साथ कारोबार करेंगे, जो अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर सकते। उन्होंने बताया कि अपना लक्ष्य हासिल नहीं करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। वेणुगोपाल ने बताया कि इससे 2014-15 तक ताप बिजली घरों में 3.1 मिलियन टन तेल के बराबर ऊर्जा की बचत होगी। उन्होंने उत्कृष्टता केंद्र से कहा कि वह इस योजना को लागू करने के लिए जरूरी बेस लाइन डेटा स्थापित करने में प्रमुख भूमिका निभाए।
वितरण नेटवर्क में सुधार के संबंध में वेणुगोपाल ने कहा कि बिजली मंत्रालय 500 करोड़ रुपये मूल्य के 8 स्मार्ट ग्रिड पथप्रदर्शकों को अंतिम रूप दे रहा है। बिजली सचिव पी उमाशंकर ने बताया कि बिजली संयंत्रों द्वारा कोयले के अधिकतम इस्तेमाल और उनकी कार्य क्षमता में सुधार जरूरी है। जर्मनी के राजदूत कोर्ड मियर क्लोद ने कहा कि यह केंद्र भारत जर्मन ऊर्जा मंच का नतीजा है और दोनों देश मिलकर काफी कुछ हासिल कर सकते हैं। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष एएस बक्शी ने कहा कि यह केंद्र बिजली क्षेत्र में अच्छी कार्यप्रणाली के लिए मंच प्रदान करेगा।