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लखनऊ। वैज्ञानिक औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में दो दिवसीय संकाय प्रेरणा एवं स्कूलों, कॉलेजों के अंगीकरण कार्यक्रम का शुभारंभ, निदेशक राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान डॉ चंद्रशेखर नौटियाल, डॉ प्रदीप श्रीवास्तव और डॉ रचना मिश्रा ने दीप प्रज्जवलित कर किया। डॉ चंद्रशेखर नौटियाल ने कहा कि अध्यापक देश का भविष्य संवारते हैं, और कोई भी देश तभी तरक्की कर सकता है, जब वह अपने छात्रों को सही दिशा प्रदान करें, उन्होंने शिक्षकों को विश्वास दिलाया कि संस्थान उनकी हर तरह से मदद करेगा।
समन्वयक डॉ जेके जौहरी ने कहा कि आज हमारे संस्थान में 19 संस्थाओं के 46 शिक्षक मौजूद हैं और उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह कार्यक्रम उनके शिक्षण के लिए अति उपयोगी होगा। कार्यक्रम में धन्यवाद प्रस्ताव डॉ श्रीकृष्ण तिवारी ने प्रस्तुत किया। उद्घाटन व्याख्यान को डॉ प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान ने प्रस्तुत किया। यह डॉ प्रदीप श्रीवास्तव का 799वां व्याख्यान था। उन्होंने नए विज्ञान के क्षेत्र साइंटूनिक्स की उत्पत्ति की व्याख्या की, जो सर्वप्रथम विश्व में 1979 में उपलब्ध हुई। उन्होंने बड़े ही रोचक ढंग से विज्ञान की नई विधा नैनोटेक्नोलॉजी की व्याख्या की कि वैज्ञानिक उनका उपयोग अनुसंधान के लिए करते हैं, तो वास्तव में परजीवी हम हैं, या वैज्ञानिक? शिक्षकों ने कार्यक्रम में बहुत रूचि दिखाई और ज्ञान का आदान-प्रदान किया। इस कार्यक्रम में अन्य प्रस्तुतियां डॉ पीबी खरे, डॉ प्रबोध त्रिवेदी और डॉ एके गोयल ने दी शिक्षकों ने संस्थान के उद्यान का भ्रमण किया और 4 फरवरी 2012 को समापन सत्र में प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।