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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि यदि केंद्र और राज्य मिलकर काम करें, तो सभी समस्याओं को हल किया जा सकता है। राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के तीसरे सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हाल ही में कई उपाय किये हैं, लेकिन हमें अभी बहुत कुछ करना बाकी है। बड़ी संख्या में लोगों को कौशल से लेस करने की आवश्यकता पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कुछ राज्यों के कौशल विकास के क्षेत्र में किये गये अच्छे कार्य की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों से इस क्षेत्र में नेतृत्व प्रदर्शित करने का आग्रह किया और यह भी कहा कि केंद्र सरकार आधारभूत विकास में अनुकूल नीतिगत ढांचा तैयार कर रही है, राज्य सरकारों को नीति में प्रायोजित उपायों को अपनाने को प्रोत्साहित किया जाएगा, राष्ट्रीय निवेश और विनिर्माण क्षेत्रों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने मुख्य सचिवों से आग्रह किया कि वे इस बात पर ध्यानपूर्वक विचार करें कि राज्य किस प्रकार नई नीतियों का सर्वाधिक लाभ उठा सकते हैं। कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि अच्छे प्रशासन को सहभागी, पारदर्शी, जवाबदेही, उत्साहपूर्वक अनुकूल, कारगर और कुशल और समावेशी होना चाहिए, पारदर्शिता न केवल सार्वजनिक सेवा में एकता बढ़ाने की कुंजी है, बल्कि बेहतर निष्पादन के लिए सहयोगी घटक है।
वी नारायणसामी ने कहा कि डीएआरपीजी का सेवोत्तम ढांचा जवाबदेही और पारदर्शिता की दिशा में सरकारी तंत्र को सुग्राही बनाना और प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण अवयव है, राज्यों, संघ शासित प्रदेशों की सलाह से पिछले दो वर्षों में सेवोत्तम पर कई कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं। उन्होंने कहा कि यह ढांचा अब जिला स्तर पर ले जाने का प्रस्ताव है और राज्य सरकारों के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। सेवोत्तम के बारे में जिला स्तर का पहला कार्यक्रम महाराष्ट्र के शहर थाणे में करने की योजना है। वी नारायणसामी ने यह भी कहा कि सरकार ने अब तक द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग (एआरसी) की 15 रिपोर्टों में से 13 पर विचार किया है, केंद्र से संबंधित 508 सिफारिशों को लागू किया गया है और अन्य 497 कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। उन्होंने मुख्य सचिवों से एआरसी की सिफारिशों पर प्राथमिकता से विचार करने का आग्रह किया क्योंकि इनमें से अधिकांश सिफ़ारिशें राज्यों से संबंधित हैं।
इस अवसर पर मंत्रिमंडलीय सचिव एके सेठ ने कहा कि केंद्र की मंशा यह सुनिश्चित करने की है कि राज्य और केंद्र, समन्वय के साथ काम करें, सरकार ने उच्च प्राथमिकता के क्षेत्रों को चिन्हित किया है, ताकि प्रशासन को कारगर और पारदर्शी बनाया जा सके।