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लखनऊ। प्रधानमंत्री कार्यालय के खिलाफ टू-जी मामले में सुप्रीम की टिप्पणी पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष कुंवर हरिवंश सिंह ने कहा है कि इससे फिर साबित हो गया है कि इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय की भी पूरी मिलीभगत रही है। उसके संरक्षण के बगैर तत्कालीन संचार मंत्री ए राजा इतना बड़ा घोटाला नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की केंद्र सरकार के कार्यकाल में प्रधानमंत्री कार्यालय भ्रष्टाचार की संचालक शक्ति बन गया है।
कुंवर हरिवंश सिंह ने केंद्र सरकार पर क्षत्रियों के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा है कि सोशल इंजीनियरिंग का राग अलापने वाली केंद्र सरकार ने चुनावी दौर में भी उत्तर प्रदेश के किसी क्षत्रिय सांसद को मंत्री नहीं बनाया, जबकि उनसे कम आबादी वाले कुर्मी समाज के बेनी प्रसाद वर्मा, जैन समाज के आदित्य जैन और वैश्य समाज के श्रीप्रकाश जायसवाल मंत्री पद से नवाज दिये गये। इस सरकार के क्षत्रिय विरोधी चरित्र का ही परिणाम है कि उम्र संबंधी विवाद में क्षत्रिय समाज के गौरव जनरल वीके सिंह को न्याय पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाने को मजबूर किया गया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ही फैसला है कि उम्र संबंधी विवाद में हाईस्कूल के प्रमाणपत्र में दर्ज जन्मतिथि ही अंतिम आधार बनेगा।