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नई दिल्ली। भारत सरकार ने देश के 60 नक्सल प्रभावित जिले में वन आधारित छह परियोजनाओं के सृजन की घोषणा की है। इन परियोजनाओं को सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से छह महीनों के भीतर कार्यान्वित किया जाएगा और झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों को इसमें शामिल किया गया है। वन आधारित उत्पादों पर आधारित एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि लाह, गोंद, औषधीय पौधे, तसर, बांस, नीम तथा महुआ जैसे गैर-खाद्य तिलहनों से जुड़ी परियोजनाएं इन वनोत्पादों के संग्रह के काम में लगी जनजातियों की आय को बढ़ाएंगी। ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि वनोत्पादों के बाजार का निरंतर विस्तार करना और उन्हें पुनर्जीवन प्रदान करना इस क्षेत्र से जुड़ी दो बड़ी चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का हिस्सा होंगी और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में वनोत्पादों के क्षेत्र में आजीविका सृजन और मूल्यसंवर्धन पर मुख्य रूप से जोर देंगी। उन्होंने इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए वन विभागों और स्थानीय स्व-सहायता समूहों तथा ऐसे अन्य संगठनों के बीच सहयोग कायम करने पर जोर दिया।