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नई दिल्ली। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्य मंत्री श्रीकांत कुमार जैना ने वर्ष 2010-12 की राष्ट्रीय आय के अग्रिम आंकलन जारी किये है। जैना ने कहा कि 2004-05 कीमतों पर आधारित वर्ष 2011-12 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कारक मूल्य पर विकास की दर 6.9 प्रतिशत होने का अनुमान है, जबकि 2010-11 में विकास दर 8.4 प्रतिशत थी। कृषि, वानिकी और मत्सय पालन क्षेत्र में 2011-12 के दौरान जीडीपी ने 2.5 प्रतिशत का विकास दिखाया है जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में विकास दर 7.0 प्रतिशत थी। खनन और खान खोदने में जीडीपी की विकास दर 2011-12 में -2.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। विनिर्माण क्षेत्र में जीडीपी 2011-12 के दौरान 3.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो विनिर्माण के आईआईपी सूचकांक में विकास के साथ भी सुसंगत है। इस क्षेत्र में 2011-12 की अप्रैल-नवंबर अवधि के दौरान 4.1 प्रतिशत विकास दर दर्ज की। विद्युत क्षेत्र में जीडीपी के आलोच्य अवधि में 8.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि अनुमान है कि वर्ष 2011-12 में निर्माण उद्योग 4.8 प्रतिशत बढ़ेगा। निर्माण क्षेत्र के मुख्य संकेतक यथा सीमेंट के उत्पादन ने अप्रैल-दिसंबर 2011-12 के दौरान 5.3 प्रतिशत और तैयार इस्पात की खपत ने 4.4 प्रतिशत की विकास दर दर्ज की। व्यापार, होटल, परिवहन और संचार क्षेत्र में 2011-12 के दौरान जीडीपी विकास के 11.2 प्रतिशत होने का अनुमान है। वित्त पोषण, रीयल एस्टेट और कारोबार सेवाओं के 9.1 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है जबकि सामुदायिक, सामाजिक और वैयक्तिक सेवाओं के 5.9 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। वर्ष 2011-12 के दौरान जीडीपी में विकास का बाजार मूल्यों पर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, इसकी तुलना में 2010-11 में यह विकास दर 9.6 प्रतिशत थी। अनुमान है कि निजी अंतिम उपभोग परिव्यय की विकास दर 6.5 प्रतिशत रहेगी। अर्थव्यवस्था में निवेश के महत्वपूर्ण संकेतक के रूप में सकल स्थायी पूंजीगत निर्माण के भी 5.6 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है।