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नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने स्वास्थ्य अनुसंधान के दक्षिण एशियाई फोरम (एसएएफएचईआर) से यह आह्वान किया है कि हमारे देशों के सामने आ रही समस्याओं से निपटने के लिए अभिनव विधियों में हिस्सेदारी करके सहयोग को मजबूती प्रदान करने के तरीक़ों का पता लगाएं, ‘चाहे गरीबी हो, चाहे बीमारी हो या प्राकृतिक आपदा हो दक्षिण एशिया का भाग्य आपस में जुड़ा है, इसलिए हमें इन चुनौतियों का सामना करने के लिए मिल-जुलकर कार्य करना चाहिए।’
गुलाम नबी आजाद ने यह बात भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की एसएएफएचईआर की चौथी बैठक का उद्घाटन करते हुए कही। विदेश राज्य मंत्री प्रणीत कौर भी इस अवसर पर उपस्थिति थीं। बंगलादेश, भूटान, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, मालद्वीप और थाईलैंड के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अनुसंधान परिषदों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधि एवं पदाधिकारी इस तीन दिवसीय सम्मेलन में भाग ले रहे हैं, जिसका विषय है–‘हिस्सेदारी के माध्यम से सशक्तिकरण–क्षेत्रीय स्वास्थ्य प्राथमिकताओं को लागू करने के लिए कार्य करना’।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि भारत अपने सदस्य देशों की सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के दीर्घकालीन समाधानों के लिए क्षेत्रीय सहयोग में सहायता करने के लिए हर संभव कार्य करेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि व्यक्तियों, प्रशिक्षण या बहुस्तरीय अनुसंधान परियोजनाओं के आदान-प्रदान के चुनिंदा क्षेत्रों में वास्तविक परियोजनाओं को शुरू करने के लिए ठोस योजनाएं बनाने में ये विचार-विमर्श सहायता प्रदान करेंगे। इस क्षेत्रीय बैठक में वेम्टर जनित बीमारियों जैसे-हैजा, अन्य डायरिया बीमारियों, ड्रग प्रतिरोध, इन्फ्लुएन्जा, आर्सिनिक और फ्लोराइड तत्व की अधिकता के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं, कुपोषण, अधिक मातृत्व एवं बाल रूग्णता एवं मातृ और शिशु मृत्यु, गैर संचारी बीमारियां जैसे-डॉयबटीज और कैंसर की लगातार जारी रहने वाली चुनौतियों और अनके सामान्य एवं कम खर्चीले समाधानों का पता लगाने के बारे में विस्तार से विचार-विमर्श किया जा रहा है।
स्वास्थ्य समाधान के लिए दक्षिण एशियाई फोरम को दक्षिण एशियाई देशों के मध्य स्वास्थ्य अनुसंधान में क्षेत्रीय सहयोग एवं भागीदारी बढ़ाने के लिए एक कार्य विधि के रूप में 2003 में स्थापित किया गया था। नेपाल स्वास्थ्य अनुसंधान परिषद वर्ष 2008 और 2010 में ऐसी तीन बैठकों का आयोजन कर चुका है। भारतीय स्वास्थ्य अनुसंधान परिषद जो भारत में शीर्ष अनुसंधान संकाय है, उसने अभी हाल में नवंबर 2011 में अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे किए हैं। इसने 2012-2014 अवधि के लिए एसएएफएचईआर सचिवालय की मेजबानी स्वीकार की है। भारत सरकार के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव डॉक्टर वीएम कटोच ने इस फोरम के अध्यक्ष का कार्यभार संभाला है।