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नई दिल्ली। योजना आयोग ने बुरी तरह क्षतिग्रस्त हरियाणा सिंचाई तंत्र की पुर्नवास, नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण योजना के लिए निवेश को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना पर 115.94 करोड़ रूपये (2011 मूल्य स्तर पर) की लागत आने का अनुमान है। यह परियोजना वित्तीय वर्ष 2012-13 में पूरी हो जाएगी और योजना के खाते 31 मार्च 2013 को बंद हो जाएंगे। इस योजना का कार्य राज्य वार्षिक योजनाओं के अनुमोदित परिव्यय के अनुसार पूरा किया जाएगा। राज्य वित्तीय विभाग व्यय को अनुमोदित लागत तक सीमित रखेगा और निर्धारित प्रक्रिया को अपनाकर संशोधित आंकलन को मंजूर कराये बिना अनुमोदित लागत से अधिक अतिरिक्त व्यय करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
परियोजना प्राधिकारी योजना आयोग से ‘कमान क्षेत्र विकास योजना’ (सीएडीपी) की मंजूरी प्राप्त करेंगे। सीएडी कार्य भी परियोजना कार्यान्वयन के साथ ही किया जाएगा ताकि हितधारक किसानों की भागीदारी कार्यान्वयन से रख रखाव के माध्यम से परियोजना की योजना बनाने के चरण से ही सुनिश्चित की जा सके। इससे परियोजना का परिव्यय किसानों के लिए सुनिश्चित एवं दीर्घकालीन सिंचाई लाभ के रूप में परिवर्तित होकर चिरस्थायी परिणाम देगा। सीएडी कार्यों के पूरा करने के ऊपर योजना आयोग निगरानी रखेगा। परियोजना में भाखड़ा नहर प्रणाली के 36, लिफ्ट नहर प्रणाली के 74, पश्चिमी युमना नहर प्रणाली के 27 बुरी तरह से क्षतिग्रस्त तंत्रों के पुर्नवास, नवीनीकरण एवं आधुनीकिकरण के प्रस्ताव शामिल हैं। इस परियोजना से 31646 हेक्टेयर भूमि की अतिरिक्त सिंचाई होगी और आधुनिकीकरण के बाद कमान एरिया में प्रस्तावित सिंचाई कुल 272091 हेक्टेयर की हो जायेगी।