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नई दिल्ली। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने दो दिन 7 और 8 फरवरी को भारतीय नौसेना के साथ रहकर भारतीय नौसेना की वार्षिक युद्ध स्तरीय तत्परता और सामरिक अभ्यास (थिएटर लेवल रेडिनेस एंड ऑपरेशनल एक्सरसाइज, ट्रोपेक्स) का विस्तृत स्वरूप देखा। रक्षा मंत्री के साथ नौसेना प्रमुख एडमिरल निर्मल वर्मा और फ्लैग ऑफिसर कमांडिग-इन-चीफ, पूर्वी नौसेना कमान वाइस एडमिरल एके चोपड़ा भी थे। रक्षा मंत्री ने सबसे पहले आईएनएस शिवालिक का जायज़ा लिया जिसने बहुत ही बेहतरीन तरीके से भारतीय नौसेना के सामरिक अभ्यास को दर्शाया। रक्षा मंत्री ने आईएनएस शिवालिक के संचालन, ‘सतह पर गोली मारना (सर्फेस गन शूट)’ और आईएनएस शक्ति के साथ जैक्स्टे सहित विभिन्न विकास कार्यों को देखा।
आईएनएस शिवालिक ने भारतीय नौसेना को भविष्य के लिए तैयार एक नेटवर्क सक्षम सेना के रूप में प्रदर्शित किया, लेकिन रक्षा मंत्री को ऐसा ही आभास आईएनएस विराट को देखकर भी हुआ। पश्चिमी बेड़े की फ्लैग जहाज़ आईएनएस विराट ने नेटवर्क सेना की शक्ति को प्रदर्शित किया। इसने युद्ध स्थान (बैटल स्पेस) के व्यापक चित्र को दिखाने के लिए रिमोट सेंसर से क्रियाशील स्थानों की तस्वीरें खींची और स्थानांतरित कीं एवं जहाज पर विभिन्न हथियारों का सर्वोत्कृष्ट इस्तेमाल दिखाया। हाल ही में अपग्रेडिड सी हैरियर ने वायु में ही दोबारा ईंधन भरवाने और बीवीआर मिसाइल के रूप में विस्तारित अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। समुद्र के ऊपर उड़ान भरने वाले भारतीय वायु सेना के अवॉक्स से संचालित एसयू 30 एमकेआई, मिराज, जगुआर ने आईएनएस विराट की वायु रक्षा क्षमता का पहली बार परीक्षण किया, जबकि जहाज भारी खतरनाक स्थिति में संचालन कर रहे थे।
सतह से वायु तक मारक क्षमता वाली मिसाइलें (एसएएम) एंटी डिफेंस मिसाइल का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। रक्षा मंत्री ने एसएएम से जल्दी, कम उड़ान पर, सतह से सतह मिसाइल का सफलतापूर्वक इंटरसेप्शन देखा। रक्षा मंत्री ने हाल ही में उन्नयित रणवीर वर्ग के भेदक से दूर तक मारक क्षमता वाले सुपरसोनिक एंटी शिपिंग मिसाइल, ब्रह्मोस का सफलतापूर्वक और प्रभावशाली प्रक्षेपण देखा। रक्षा मंत्री ने सीकिंग, सी हैरियर और चेतक के भागीदारी के साथ आईएनएस विराट वायुयान की शक्ति भी देखी। एके एंटनी को मार्कोस का पेशेवर अंदाज भी प्रदर्शित किया गया। मार्कोस ने कॉम्बैट फ्री फॉल तकनीक के इस्तेमाल से समुद्र के बीच में फ्लाइट डैक पर बिल्कुल सही लैंडिग की। मिसाइल के सफलतापूर्वक प्रक्षेपण और बीवीआर इंटरसेप्शन के साथ व्यवधान रहित संचालन ने भविष्य के लिए तैयार भारतीय सेना की क्षमता को प्रदर्शित किया।
भारतीय नौसेना के कौशल और तकनीक प्रदर्शन पर रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत के सबसे प्रतिष्ठित आईएनएस विराट पर आकर उन्हें बेहद खुशी हुई है, उन्होंने कहा कि अगले साल भारतीय नौसेना एक और विमान कैरियर विक्रमादित्य और अगले कुछ वर्षों में स्वेदेशी वायुयान कैरियर संचालित कर सकती है। उन्होंने कहा कि 26/11 ने सुरक्षा परिदृश्य को बदल दिया है और पूरा राष्ट्र अब समुद्री सुरक्षा की जरूरत और भारतीय नौसेना की महत्वपूर्ण भूमिका को समझता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सेवा स्थिति में सुधार लाने के लिए जो भी मुमकिन होगा, उसे करने का वो हर संभव प्रयास करेंगे। वायुसेना के बीच अपनी दो दिवसीय मौजूदगी के बाद एके एंटनी ने कहा कि बढ़ती चुनौतियों और जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभाने के लिए भारतीय नौसेना अपनी क्षमता बढ़ा रही है। भारतीय नौसेना की क्षमताओं और उनके समर्पण पर देश को गर्व है। उन्होंने कहा ‘हम यह विश्वास कर सकते हैं कि देश की तटीय सुरक्षा सहित समुद्री सुरक्षा भारतीय नौसेना के सुरक्षित हाथों में है।’ ट्रोपेक्स-2012 अगले कुछ और दिनों तक चलेगा।