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नई दिल्ली। लोकसभा में 16 दिसंबर 2011 को पेश हुए प्रेस और पुस्तक पंजीकरण और प्रकाशन विधेयक 2011 को सूचना प्रौद्योगिकी की संसदीय स्थायी समिति के पास निरीक्षण के लिए भेजा गया है। इस समिति के अध्यक्ष राव इंद्रजीत सिंह हैं। इस विधेयक का पूरा पाठ www.parliamentofindia.nic.in पर उपलब्ध है।
प्रेस और पुस्तक पंजीकरण और प्रकाशन अधिनियम 1867 प्रिंटिंग प्रेस और समाचार पत्रों के पंजीकरण के लिए बनाया गया था। भारत में छपी किताबों और समाचार पत्रों की प्रतियों के संरक्षण एवं ऐसी पुस्तकों, समाचार पत्रों के पंजीकरण के लिए यह बनाया गया था। यह अधिनियम 1870 और 1983 से पहले, कई बार संशोधित हो चुका है लेकिन सरकार की उदारीकरण नीति की दृष्टि से इस अधिनियम के मौजूदा प्रावधान प्रिंट मीडिया क्षेत्र की असाधारण वृद्धि की आवश्यकताएं पूरी करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं, इसलिए प्रेस और पुस्तकों के पंजीकरण और प्रकाशन से संबंधित कानूनों को संशोधित एवं सम्मिलित करने के लिए एक नया विधान बनाने का प्रस्ताव किया गया है। इस विषय पर रूचि रखने वाले विभिन्न व्यक्तियों, विशेषज्ञों, संगठनों, हितधारकों से समिति ने इस पर सुझाव संबंधी ज्ञापन पत्र आमंत्रित करने का निर्णय लिया है।
इच्छुक व्यक्ति इस विधेयक पर अपने सुझाव ज्ञापन-पत्र के रूप में, दो प्रतियों के साथ (अंग्रेज़ी या हिंदी में) उप सचिव (आईटी), लोकसभा सचिवालय, कक्ष नंबर 315, संसद भवन एनेक्स, नई दिल्ली-110001, के पास बंद लिफाफे में प्रेस विज्ञप्ति के प्रकाशन, प्रसारण की तिथि से दो हफ्तों के भीतर भेज सकते हैं। ज्ञापन को comit@sansad.nic.in पर ई-मेल या 011-23015426 पर फैक्स भी कर सकते हैं। समिति को सौंपा गया ज्ञापन, उसके रिकॉर्ड का एक हिस्सा होगा और उसे गोपनीय रखा जाएगा। किसी भी व्यक्ति से यह छापा, प्रसारित या प्रकाशित नहीं किया जाना चाहिए, अन्यथा इस तरह के कृत्य को समिति के विशेषाधिकार का उल्लंघन समझा जाएगा, जो लोग ज्ञापन देने के अलावा, मौखिक रूप से भी अपना स्पष्टीकरण देने की इच्छा रखते हैं, उनसे आग्रह किया गया है कि वह ऊपर दिए गए पते पर लोकसभा सचिवालय को पहले सूचित करें।