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नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, डॉ सीपी जोशी ने राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि वे मोटर-गाड़ी कर को युक्तिसंगत बनाने और दरों में सामंजस्य लाने पर सहमत हो जाएं, ताकि गाड़ियों का चलना देशभर में आसान बनाया जा सके। परिवहन विकास परिषद की 34वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने नई दिल्ली में कहा कि मोटर-गाड़ी कर को युक्तिसंगत बनाने की तुरंत जरूरत है, ताकि देश में सड़क परिवहन आसान बनाया जा सके और माल और पर्यटकों को ढोने वाली गाड़ियां निर्बाध आ-जा सकें।
उन्होंने कहा कि फिलहाल विभिन्न राज्यों में कर संग्रह के तरीकों में दर और आधार को लेकर महत्वपूर्ण विभिन्नता है। सूचना टैक्नालॉजी में प्रगति के साथ अब यह संभव हो गया है कि विभिन्न राज्यों के बीच गाड़ियों का चलना आसान बनाया जाए ताकि देश में माल की आवाजाही पर लागत घटे और इसका लाभ नागरिकों को दिया जा सके। इस उद्देश्य से वर्तमान मोटर-गाड़ी कर व्यवस्था को तर्कसंगत बनाने और टैक्नालॉजी से लाभ उठाने की जरूरत है।
डॉ जोशी ने बैठक में आए लोगों को बताया कि परिवहन विकास परिषद की 33वीं बैठक में नई राष्ट्रीय परमिट स्कीम शुरू करने के बारे में एक महत्वपूर्ण फैसला किया गया था, जिसके जरिए देशभर में ट्रांसपोर्टरों को माल ढुलाई में आसानी हो गयी और यह व्यवस्था एनआईसी, भारतीय स्टेट बैंक और मंत्रालय के प्रधान लेखा कार्यालय की मदद से बहुत बढ़िया तरीके से चल रही है। इस स्कीम के लागू किए जाने से आमतौर पर ट्रांसपोर्टर समुदाय भी संतुष्ट है।
सड़क परिवहन मंत्री ने सड़क सुरक्षा पर खासतौर से ध्यान दिए जाने की जरूरत पर जोर दिया। अब जबकि सड़कों का बड़े पैमाने पर विकास हुआ है, तब यह और भी आवश्यक हो गया है कि हम ऐसी व्यवस्था लागू करें, जिसमें सड़क सुरक्षा को प्रभावित करने वाले सभी विषय समन्वित हो जाएं। इस बात की भी तुरंत जरूरत है कि तेजी से बिगड़ती हुई सड़क सुरक्षा की स्थिति पर ध्यान दिया जाए, जिसके चलते सड़क दुर्घटनाएं बढ़ी हैं।
उन्होंने कहा कि इस बात को नज़र में रखते हुए कि भारत, दुनिया में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं वाले देशों में से एक है, अब समय आ गया है कि राज्य सरकारें अपनी भावी योजनाओं में सड़क सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता दें। जल्दी ही राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक भी बुलाई जाएगी, इसलिए राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया है कि वे सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने की ठोस कार्ययोजनाएं इस बैठक में पेश करें। इनमें दुर्घटना बहुल जगहों की पहचान और कारण भी शामिल किए जाएं ताकि इन जगहों पर दुर्घटनाएं कम करने के उपाय किए जा सकें।
सड़क क्षेत्र में हाल ही में हुई तकनीकी प्रगति की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जुलाई 2011 में राष्ट्रीय रजिस्टर और राष्ट्रीय परिवहन पोर्टल शुरू किए गए थे। राज्यों और संघशासित प्रदेशों के सभी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों के आंकड़ों का कंप्यूटरीकरण और उनसे 100 प्रतिशत कनेक्टिविटी प्राप्त करने का उद्देश्य पूरा किया जा चुका है। बारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान देश की सभी अंतर्राज्यीय चेकपोस्टों को सीमा रहित और कागज रहित माल परिवहन में बदलने तथा परिवहन और अन्य लागत में कमी लाने की भी योजना बनाई गयी है। यह मंत्रालय आधुनिक टैक्नालॉजी के सर्वोत्तम इस्तेमाल की कोशिशें जारी रखेगा, जिससे आम जनता, ट्रांसपोर्टरों और परिवहन विभागों को सुविधा होगी।