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पुडुचेरी। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा है कि यूपीए सरकार सार्वजिनक जीवन में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठा रही है और सरकार किसी को बचा नहीं रही है। पुडुचेरी में सामाजिक क्षेत्र के मुद्दों पर अखिल भारतीय संपादक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005, व्हिसल ब्लोवर्स विधेयक, न्यायिक जवाबदेही विधेयक, नागरिक शिकायत निवारण विधेयक, सरकारी खरीद में सुधार और खनन क्षेत्र, प्रशासनिक सुधार-ये कुछ वे क्षेत्र हैं, जिनमें मनमोहन सिंह की सरकार ने 2004 में सत्ता संभालने के बाद पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, सरकार ने लोकसभा में लोकपाल विधेयक पास करवा दिया है, लेकिन राज्यसभा में बहुमत न होने के चलते यह विधेयक पास नहीं हो पाया।
उन्होंने कहा कि सरकार एक मजबूत एवं प्रभावशाली लोकपाल विधेयक लाने को प्रतिबद्ध है, अत: राज्यसभा में जो भी संशोधन के विभिन्न सुझाव दिए गए हैं, उन पर विचार किया जा रहा है। वी नारायणसामी ने कहा कि ठीक समय पर सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने नागरिकों के अधिकार की शुरूआत की है और संसद में उनकी शिकायतों के निवारण संबंधी विधेयक 2011 पेश किया है। इस विधेयक के अंतर्गत हर सरकारी कार्यालय को एक नागरिक चार्टर प्रकाशित करना है, जिसमें दी जाने वाली सेवाओं और आपूर्ति किए जाने वाले माल की समय तालिका दी जाएगी, बताया जाएगा कि कौन सी सेवा या माल कितने समय में दिया जा सकेगा, साथ ही, कुशल और प्रभावशाली सुपुर्दगी के लिए सूचना और सुविधा केंद्र स्थापित किए जाएंगे और हर सार्वजनिक कार्यालय में एक अधिकारी नामित किया जाएगा जो नागरिकों से मिलने वाली किसी शिकायत की जांच करेगा और उसका समाधान लाएगा।
राज्य मंत्री ने कहा कि लोकसभा में जो व्हिसल ब्लोवर्स विधेयक पेश किया गया है उसमें उन लोगों को पर्याप्त संरक्षण की व्यवस्था की गयी है जो भ्रष्ट लोगों और जानबूझ कर अधिकारों अथवा विवेकाधिकारों का दुरूपयोग करने वालों के खिलाफ सूचनाएं देंगे। यूपीए सरकार ने केंद्रीय मंत्रियों का विवेकाधिकार कोटा समाप्त कर दिया है, ताकि भ्रष्टाचार के लिए कोई गुंजाइश न बचे। सरकार ने जनवरी 2011 में भ्रष्टाचार से निपटने के उपायों पर विचार के लिए एक मंत्री समूह का गठन किया था, इस समूह ने पहली रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है, जिसे सरकार ने कुछ मामूली संशोधनों के साथ स्वीकार कर लिया है और सरकार ने स्वीकृत सिफारिशों को लागू करने के लिए कार्रवाई शुरू भी कर दी है।
नारायणसामी ने कहा कि प्रशासन में कुशलता लाने के लिए प्रशासनिक सुधारों के जरिए महत्वपूर्ण उपाय किए गए हैं, कि हाल ही में सरकार ने आईएएस अफसरों के लिए उनकी सेवा के हर 15 और 25 वर्षों बाद निष्पादन की समीक्षा की एक नीति अधिसूचित की है, इसके अनुसार नाकारा अफसरों को हटा दिया जाएगा, जिन अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं, उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी 3 महीने के अंदर दे दी जाएगी और इस संबंध में विभागीय जांच, शिकायत मिलने के एक साल में पूरी की जाएगी। सीबीआई को मजबूत बनाने के संदर्भ में नारायणसामी ने कहा कि विभिन्न राज्यों में सीबीआई की अतिरिक्त 71 अदालतें स्थापित करने का फैसला किया गया है ताकि लंबित मुकदमें जल्दी निपट सकें, इनमें से 51 अदालतों के लिए मंजूरी दी जा चुकी है।